- प्रधानमंत्री मोदी ने देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज दिया
- पीएम ने कहा कि हम अपने संकल्प एवं प्राण शक्ति से देश को आत्मनिर्भर बना सकते हैं
- नए रंग रूप वाला होगा लॉकडाउन-4, 18 मई से पहले सरकार इस बारे में देगी जानकारी
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात एक बार फिर देश को संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि लॉकडाउन 4 नए रंग रूप वाला होगा। पीएम ने कहा कि इसके बारे में 18 मई से पहले जानकारी दी जाएगी। साथ ही भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया। पीएम ने कहा कि कोरोना संकट के इस दौर में लोकल प्रोडक्ट्स ने हमें बचाया। हम सभी भारतीयों को लोकल प्रोडक्ट्स के लिए अब वोकल भी बनना है।
लोकल के साथ वोकल बनना होगा
पीएम ने कहा कि कोरोना संकट और लॉकडाउन के दौरान लोकल प्रोडक्ट्स ने हमें बचाया। उन्होंने कहा, 'लोकल को हमें अपनाना होगा। लोकल ने ही हमें बचाया है। आज से हर भारतवासी को अपने लोकल उत्पादों के लिए वोकल बनना है। लोकल प्रोडक्टस खरीदने के साथ-साथ उसका गर्व से प्रचार भी करना है। खादी और हैंडलूम को लोगों ने ब्रांड बना दिया। इसे किया जा सकता है।' पीएम ने कहा कि आज जो ग्लोबल प्रोडक्टस हैं वे भी कभी लोकल थे लेकिन लोगों ने उसका प्रचार और इस्तेमाल किया। फिर इसके बाद ये प्रोडक्ट्स लोकल से ग्लोबल बन गए।
नए रंग रूप वाला होगा लॉकडाउन-4
प्रधानमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन का चौथा चरण पूरी तरह नए रंग रूप वाला होगा। यह नए नियमों वाला होगा। राज्यों से जो सुझाव मिल रहे हैं उनके आधार पर लॉकडाउन-4 की जानकारी 18 मई से पहले दी जाएगी। नियमों को पालन करते हुए हम कोरोना से लड़ेंगे भी और आगे भी बढ़ेंगे। हम दूरी का पालन करेंगे लेकिन अपने लक्ष्यों को दूर नहीं होने देंगे।
पीएम ने कहा कि हमें नई प्राण शक्ति और नई संकल्प शक्ति को लेकर आगे बढ़ना है। हम भारत को आत्मनिर्भर भारत बना सकते है। उन्होंने कहा, 'हम भारत को आत्मनिर्भर बनाकर रहेंगे।'
आज दुनिया भारत की तरफ देख रही है
संकट के समय दुनिया में भारत के बढ़ते कद के बारे में पीएम ने कहा, ' आज दुनिया भारत की तरफ देख रही है। ग्लोबल वार्मिंग पर पहल दुनिया को भारत ने सौगात दिया है। योग दिवस दुनिया को भारत का उपहार है। जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही दुनिया के लिए भारत की दवाइयां एक उम्मीद की किरण लेकर आई हैं। इससे भारत की दुनिया में प्रशंसा हो रही है। दुनिया को विश्वास होने लगा है कि मानव कल्याण के लिए बहुत कुछ अच्छा भारत दे सकता है।'