नई दिल्ली : गणतंत्र दिवस समारोह हो या स्वतंत्रता दिवस समारोह, ऐसे मौकों पर जहां आकर्षण का मुख्य केंद्र राजपथ और लाल किले पर होने वाला आयोजन होता है, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वेश-भूषा और परिधान भी खूब सुर्खियां बटोरते हैं। बुधवार को 73वें गणतंत्र दिवस के मौके पर एक बार फिर ऐसा ही हुआ, जब प्रधानमंत्री की टोपी ने सबका ध्यान खींचा। राजपथ पर आयोजित समारोह में पीएम मोदी न साफा में पहुंचे, न पगड़ी में, बल्कि इस बार वे अलग ही अंदाज में नजर आए।
पीएम मोदी जब राजपथ पर आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह के लिए पहुंचे तो सबसे पहले वह राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहुंचे, जहां उन्होंने सशस्त्र बलों के जवानों को श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी इस दौरान उत्तराखंड की खास टोपी पहने नजर आए। साथ में उन्होंने मणिपुर का स्टॉल भी लगा रखा था। गणतंत्र दिवस समारोह संपन्न होने के बाद वह लोगों का अभिवादन स्वीकार करते हुए दिखे, जब प्रधानमंत्री के अंदाज के साथ-साथ उनकी टोपी और स्टॉल पर भी लोगों की नजरें टिकी रहीं।
क्या है ब्रह्मकमल का महत्व
पीएम मोदी का यह परिधान सोशल मीडिया पर भी खूब सुर्खियां बटोर रहा है और आगामी विधानसभा चुनावों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। उत्तराखंड और मणिपुर उन पांच राज्यों में शामिल हैं, जहां विधानसभा चुनाव होने हैं। वहीं, पीएम मोदी के इस परिधान की खासियत की बात करें तो उत्तरारखंड की जो टोपी समारोह के दौरान उन्होंने पहनी, उस पर ब्रह्मकमल का चिह्न बना है। ब्रह्मकमल उत्तराखंड का आधिकारिक फूल है, जिसकी कई धार्मिक मान्यताएं भी हैं।
ऐसी मान्यता है कि रामायण में लक्ष्मण के बेहोश से ठीक होने के बाद देवताओं ने स्वर्ग से जो फूल बरसाए, वे ब्रह्मकमल ही थे। पीएम मोदी की टोपी पर न सिर्फ ब्रह्मकमल का निशान बना था, बल्कि इसमें चार रंगों की एक पट्टी भी बनी नजर आई, जो धरती, आकाश, जीवन और प्रकृति के सामंजस्य का संदेश देती है। इस तरह की टोपी स्थानीय कारीगरों द्वारा बनाई जाती है। गर्मी में इसके लिए खादी के कपड़े का इस्तेमाल होता है, जबकि सर्दी में इसके लिए ट्वीड का इस्तेमाल होता है।