- मंत्रिपरिषद की बैठक में पीएम मोदी का मंत्रियों को कोविड को लेकर खास संदेश
- मंत्रियों से बोले पीएम, चर्चा काम की हो चर्चा के केंद्र में ना बनें
- पुराने मंत्रियों के कामकाज से सीखने की जरूरत
गुरुवार को सुबह से लेकर शाम तक नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों मे कार्यभार ग्रहण किया। उसके बाद शाम करीब पांच बजे के आसपास नई कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें कोविड से निपटने के लिए वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 23 हजार करोड़ के इमरजेंसी प्लान का ऐलान किया और किसानों के संबंध में भी कुछ खास फैसले लिए गए। इस कवायद के बाद करीब सात बजे मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि चुनौती बड़ी है और उससे निपटने के लिए हम सबको अपनी पूरी ऊर्जा लगानी होगी। इसके साथ यह भी कहा कि आप लोगों को इस तरह से काम करने की जरुरत है आप से अधिर काम की चर्चा हो और इसके लिए सुबह 9.30 बजे ऑफिस पहुंचने की सलाह दी।
कोरोना को लेकर लोगों की लापरवाही चिंताजनक
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद जिस तरह से देश के अलग अलग हिस्सों से आ रही हैं वो डराने के साथ चिंताजनक भी है। हमें लोगों को जागरुक करना होगा कि एक छोटी सी लापरवाही का अंजाम कितना भयानक हो सकता है। आज देश में टीकाकरण की रफ्तार ने भी तेजी पकड़ी है, कोरोना के खिलाफ लड़ाई में संस्थागत ढांचे में भी मजबूती आई है बावजूद उसके हम सब लोगों को सतर्क रहना होगा।
तैयारी और पुख्ता करने की जरूरत
मंत्रिपरिषद की बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से हम सभी भीड़-भाड़ वाली जगहों और बिना मास्क या सोशल डिस्टेंसिंग के घूम रहे लोगों की तस्वीरें और वीडियो देख रहे हैं. यह सुखद नजारा नहीं है और इससे हममें डर की भावना पैदा होनी चाहिए: सूत्र
पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे समय में लापरवाही या शालीनता के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। एक गलती के दूरगामी प्रभाव होंगे और COVID-19 पर काबू पाने की लड़ाई कमजोर होगी।
हाल के महीनों में उनकी संख्या की तुलना में कम होने के कारण, लोग उद्यम करना चाह सकते हैं। हालांकि, सभी को यह याद रखना चाहिए कि COVID19 का खतरा टला नहीं है। कई अन्य देशों में संक्रमण में वृद्धि देखी जा रही है। वायरस भी बदल रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जिम्मेदारी हर किसी की है लेकिन हम सरकार में लिहाजा हमें ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है।
पुराने मंत्रियों के कामकाज से सीखने की जरूरत
बताया जा रहा है कि पीएम ने पुराने मंत्रियों का उदाहरण देते हुए कहा कि उनकी कार्यशैली को समझ और सीखकर काम करने की आवश्यकता है। इसके साथ यह भी कहा कि किसी भी मंत्री के बाहर जाने का मुद्दा उसकी क्षमता से नहीं है बल्कि व्यवस्थागत वजहों से फैसले लिए गए।