- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट का बुधवार शाम हुआ विस्तार
- ज्योतिरादित्य सिंधिया को मिला है केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय का प्रभार
- ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव सिंधिया इस विभाग को संभाल चुके हैं
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में बुधवार को विस्तार एवं फेरबदल हुआ। इस विस्तार में मध्य प्रदेश के नेता एवं ग्वालियर राजघराने के 'महाराजा' ज्योतिरादित्य सिंधिया को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। समझा जाता है कि मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाने के लिए उन्हें एक तरह से पुरस्कृत किया गया है। सिंधिया को केंद्रीय उड्डन मंत्रालय का प्रभार मिला है। खास बात यह है कि पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव सिंधिया केंद्रीय उड्डयन मंत्री के रूप में सेवा दे चुके हैं।
1991 से 1993 तक केंद्रीय उड्डयन मंत्री रहे माधव राव सिंधिया
नरसिम्हा राव की सरकार में माधवराव सिंधिया साल 1991 से 1993 तक केंद्रीय उड्डयन मंत्री एवं पर्यटन मंत्री रहे। अब तीस साल बाद उनके बेटे ज्योतिरादित्य को उड्डयन मंत्रालय का प्रभार मिला है। खास बात यह है कि उड्डयन मंत्रालय संभालने से पहले दोनों नेता केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं। राजीव गांधी की सरकार के समय माधव राव सिंधिया रेल मंत्री थे जबकि मनमोहन सिंह की सरकार के समय ज्योतिरादित्य संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का प्रभार संभाल चुके हैं। ज्योतिरादित्य को पोस्टल सिस्टम में एक नए दौर की शुरुआत करने के लिए जाना जाता है।
विमान दुर्घटना के बाद देना पड़ा था इस्तीफा
उड्डयन मंत्री के रूप में माधवराव सिंधिया का अनुभव अच्छा नहीं रहा। एक विमान दुर्घटना के बाद उन्हें इस पद से हटना पड़ा। हालांकि, इस हादसे में किसी की जान नहीं गई थी। ज्योतिरादित्य को इस उड्डयन मंत्रालय की जिम्मेदारी ऐसे समय मिली है जब यह विभाग कई तरह की समस्याओं का सामना कर रहा है। कोरोना संकट के चलते अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद हैं। यात्रियों की संख्या में पिछले साल के मुकाबले घटी है। एयर इंडिया घाटे में चल रही है। ऐसे में उड्डयन मंत्रालय को उसकी चुनौतियों से उबारकर पटरी पर लाने की अहम जिम्मेदारी ज्योतिरादित्य के कंधों पर है।
उड्डयन मंत्रालय को पटरी पर लाने की जिम्मेदारी
देश कोरोना महामारी के प्रकोप से जूझ रहा है। अर्थव्यवस्था सहित कई क्षेत्रों में सरकार के सामने कई समस्याएं हैं। अगले तीन सालों में सरकार को अपने कामकाज से लोगों को अपने भरोसे में लेना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात को समझते हुए उन्होंने युवा नेताओं पर भरोसा जताया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया उनमें से एक हैं। मोदी कैबिनेट में अनुराग ठाकुर, किरन रिजिजू, सर्वानंद सोनोवाल और जी किशन रेड्डी जैसे युवा नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। इन सभी से मोदी सरकार को उम्मीदें हैं।