- संशोधन के बाद मालिकाना हक के लिए उस भूखंड से जुड़ी यह चीज अनिवार्य नहीं रह गयी
- लाभ पाने के लिए 'पंजीकृत गिफ्ट डीड' को भी जमा करने की मंजूरी दे दी गई
- जानें- इस स्कीम में रजिस्ट्रेशन के दौरान आवेदक को कौन-कौन से लगाने पड़ते हैं डॉक्यूमेंट्स
केंद्र सरकार ने पीएम-उदय योजना (PM-Uday Yojana) के तहत लाभ पाने के लिए जरूरी दस्तावेजों की प्रक्रिया सरल बना दी है। ऐसा इसलिए, क्योंकि 'वसीयत' को जरूरी डॉक्यूमेंट्स के दायरे से बाहर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने शुक्रवार (22 जुलाई, 2022) को एक बयान में इसकी जानकारी दी। बताया कि इस योजना के तहत आवेदन करने वाले करीब 1,500-2,000 लोग यह मंजूरी मिलने का इंतजार कर रहे थे। पीएम-उदय योजना के तहत लाभ पाने के लिए अभी तक वसीयत को अनिवार्य दस्तावेज माना जाता था।
केंद्र सरकार ने दिल्ली की अनधिकृत बस्तियों में रहने वाले लोगों को मकान का मालिकाना हक देने के लिए पीएम-उदय योजना चलाई थी। इसके लिए वसीयत को अनिवार्य दस्तावेज माना गया था।
डीडीए ने कहा, "आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने पीएम-उदय योजना के तहत दिल्ली की अनधिकृत बस्तियों के निवासियों को फायदा पहुंचाने के लिए वसीयत को अनिवार्य दस्तावेज से बाहर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।"
इस संशोधन के बाद मालिकाना हक के लिए उस भूखंड से जुड़ी वसीयत अनिवार्य नहीं रह गयी है। इससे लंबित मामलों के निपटारे में तेजी आएगी और प्रक्रिया को भी सरलीकृत किया जा सकेगा।
डीडीए ने इस बयान में यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने इस योजना का लाभ पाने के लिए ‘पॉवर ऑफ अटॉर्नी’ या बिक्री करार के स्थान पर 'पंजीकृत गिफ्ट डीड' को भी जमा करने की मंजूरी दे दी गई है।
अगर आप उन लोगों में से हैं जो अपने घर के स्वामित्व अधिकार या फ्लैट प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको नीचे बताए गए दस्तावेजों के साथ पीएम-उदय रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन कराना होगा:
- Possession Document
- Payment Document
- Agreement to sell
- Latest Ownership Document / Latest GPA
- Electricity Bill
- Property Tax Mutation Document
- Previous Chain of Documents in Serial order
- Documentary Proof of construction before 1st January 2015. (In case of Built-up properties)
- Any other Ownership document
क्या है पीएम उदय योजना?
यह योजना भारत सरकार की ओर से चालू की गई थी। दिल्ली आवास अधिकार योजना (पीएम-उदय) में प्रधानमंत्री अनधिकृत कालोनियों का मकसद रहवासियों को मालिकाना अधिकार मुहैया करने के लिए राजधानी में अनधिकृत क्षेत्रों को नियमित करना है। 40 लाख से अधिक परेशान लोगों की मदद के लिए इस योजना को 2019 में संसद के एक अधिनियम के माध्यम से लागू किया गया था। (भाषा इनपुट्स के साथ)