- गत 10 जून को झारखंड की राजधानी रांची में हुई हिंसा में दो लोगों हुई मौत
- पुलिस का कहना है कि उसने अंतिम विकल्प के रूप में फायरिंग की
- सोशल मीडिया पोस्ट्स की हो रही जांच, अफवाह फैलाने पर होगी कार्रवाई
Ranchi Violence : रांची हिंसा मामले में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार और 16 लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों की पहचान की जा रही है और दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि अब तक की जांच में ' वासेपुर गैंग' नाम से एक वाट्सअप ग्रुप का पता चला है। पुलिस का कहना है कि इस ग्रुप का इस्तेमाल भीड़ को एकत्र करने के लिए हुआ था, इस ग्रुप की जांच की जा रही है। पैगंबर मोहम्मद के बारे में नुपूर शर्मा के बयान के खिलाफ गत शुक्रवार को रांची में हिंसा हुई। उपद्रवियों ने पुलिसबलों को निशाना बनाकर पत्थरबाजी की। जवाब में पुलिस की ओर से चलाई गई गोली में दो लोगों की मौत हुई।
हिंसा के हालात अब नियंत्रण में हैं पुलिस
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए रांची के डिप्टी कमिश्नर छवि रंजन ने कहा कि राजधानी में हिंसा के हालात अब नियंत्रण में हैं। इस हिंसा के लिए जो भी जिम्मेदार है, कानून के दायरे में उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
'अंतिम विकल्प के रूप में चलानी पड़ी गोली'
रंजन ने कहा कि जब एक भीड़ के जुटाव को अवैध घोषित कर दिया जाता है तो इससे निपटने के लिए एक एसओपी होता है। पुलिस की रिपोर्ट के बाद मजिस्ट्रेट निर्णय करते हैं। अंतिम विकल्प के रूप में भीड़ को काबू में करने के लिए फायरिंग की जाती है। हमने एसओपी के मुताबिक सभी आवश्यक कदम उठाए। पुलिस को अंतिम विकल्प के रूप में गोली चलानी पड़ी।
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रांची में इंटरनेट सेवा बहाल
पुलिस का कहना है कि वह हिंसा से जुड़े सभी सोशल मीडिया पोस्ट की जांच एवं अफवाहों को रोकने के लिए एहतियाती उपाय कर रही है। झारखंड पुलिस का कहना है कि चूंकि इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है। ऐसे में हम राज्य भर में स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। सोशल मीडिया पोस्ट्स की जांच की जा रही है। अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कठिन कार्रवाई की जाएगी। रांची में हिंसा के बाद प्रशासन ने राजधानी के कई इलाकों में धारा 144 लगा दिया।