- उत्तराखंड में बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक
- बीजेपी के विधायकों को अपनी ही सरकार से शिकायत
- विधायकों का आरोप सरकार खुद उन्हें तवज्जो नहीं देती है
देहरादून। उत्तराखंड बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक शुरू हो चुकी है। इस बैठक में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत कई बड़े नेता मौजूद हैं।छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और बीजेपी महासचिव ऑब्जर्वर के रूप में बैठक में शामिल हो रहे हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत भी बैठक के लिए देहरादून पहुंचे। बता दें कि वे देहरादून से बाहर गए हुए थे। बैठक में मौजूद रहने के लिए राज्य भाजपा प्रमुख बंसीधर भगत, सीएम टीएस रावत, भाजपा उपाध्यक्ष रमन सिंह, प्रदेश पार्टी प्रभारी दुष्यंत कुमार, और केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' भी शामिल हैं।
बीजेरी कोर ग्रुप की बैठक अहम क्यों
अब सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि उत्तराखंड की फिजा बदलने लगी। इस संबंध में जानकारों का कहना है कि लंबे समय से कई विधायक और कई नेताओं ने केंद्र से शिकायत की थी उनकी बातें नहीं सुनी जाती हैं। प्रदेश सरकार हद से ज्यादा अधिकारियों को संरक्षण दे रही है और उसका असर यह है कि छोटे छोटे अधिकारी भी विधायकों की बातों की अनसुनी कर देते हैं। एक तरह से सरकार में उनको तवज्जों नहीं मिल रहा है। इस तरह की सूरत में केंद्रीय नेतृत्व ने तय किया कि पर्यवेक्षकों की एक कमेटी भेजी जाए और स्थानीय नेताओं से बातचीत हो सके।
क्या कहते हैं जानकार
जानकार कहते हैं कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ बीजेपी के विधायक शुरू से कहते रहे हैं कि उनकी आवाज पर कभी ध्यान नहीं दिया गया। जनप्रतिनिधियों और सरकार के बीच सिविल सेवा के अधिकारी यानी नौकरशाह रोड़ा बन गए। अधिकारियों पर रावत सरकार जरूरत से ज्यादा निर्भर हो गई और उसका असर यह हुआ कि जनता से सरकार का कनेक्शन टूट गया। विधायकों का कहना था कि जब वो जनता की समस्याओं को अधिकारियों के सामने रखते थे तो वो काम करने से मुकर जाते थे और उनकी शिकायतों पर शासन स्तर पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होती थी।