- 6 फरवरी से बीजेपी की परिवर्तन रथ यात्रा, बंगाल पुलिस से फिलहाल नहीं मिली है मंजूरी
- बीजेपी की रथयात्रा पांच चरणों में होगी संपन्न
- बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष बोले- इजाजत मिली तो चंगा नहीं तो पंगा
कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा के लिए चुनावी तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ है। लेकिन सियासी पारा चढ़ता ही जा रहा है। शनिवार से बीजेपी पूरे राज्य में रथयात्रा की आगाज करने जा रही है जिसके लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा बंगाल पहुंच चुके हैं यह बात अलग है कि बंगाल पुलिस की तरफ से इजाजत नहीं मिली है। इन सबके बीच बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि अगर रथयात्र की इजाजत मिली तो अच्छा है लेकिन यदि ऐसा नहीं होता है तो पंगा होना भी तय है।
पांच चरणों में बीजेपी की रथयात्रा
बीजेपी की परिवर्तन रथयात्रा 6 फरवरी को नवद्वीप से शुरुआत होगी जिसे जे पी नड्डा हरी झंडी दिखाएंगे। इसके अलावा 11 फरवरी को कूचबिहार से निकाली जाने वाली रथयात्रा को गृहमंत्री अमित शाह हरी झंडी दिखाएंगे। बीजेपी की यह रथयात्रा पांच चरणों में संपन्न होगी।नादिया.मुर्शिदाबाद.कूच बिहार,दार्जिलिंग, कोलकाता, दक्षिण 24 परगना के रास्ते बीजेपी का प्रचार सभी 294 सीटों से होकर गुजरेगी।
बीजेपी की रथयात्रा क्यों है खास
बीजेपी ने बंगाल के सभी विधानसभाओं में जाने का फैसला किया है। जानकार बताते हैं कि जिस तरह से पांच चरणों में अलग अलग जिलों का चुनाव किया गया है उससे बीजेपी ने संदेश देने की कोशिश की है 2019 में जिन इलाकों में कामयाबी मिली थी उन जगहों पर 2021 में प्रदर्शन दोहराने की कोशिश है। इसके साथ ही ऐसे इलाके जहां टीएमसी का बोलबाला है उन इलाकों में पूरी ताकत से ममता बनर्जी की नीतियों का मुखालफत करना है।
बजट पर सियासी निशाना
पश्चिम बंगाल विधानसभा में राज्य का बजट पेश किया गया। लेकिन उस दौरान बीजेपी के विधायकों ने जय श्रीराम के नारे को बुलंद किया और उसके साथ ही सदन का बहिष्कार किया। बीजेपी विधायकों ने कहा कि बिना गवर्नर के स्पीच बजट को सदन के पटल पर रखना गैर संवैधानिक है। हालांकि बजट में ममता बनर्जी ने ऐलान किया कि उनकी सरकार नेताजी बटालियन का गठन करेगी। बता दें कि नेताजी के नाम पर 23 फरवरी को जमकर सियासत हुई थी। बीजेपी ने जहां पराक्रम दिवस के तौर पर मनाया था। उससे इतर टीएमसी मे देशनायक दिवस के तौर पर मनाया।