- दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में पीएम 2.5 का स्तर 500 के पार
- प्रदूषण की वजह से सांस के मरीजों की तकलीफ बढ़ी
- सरकारें एक दूसरे पर फोड़ रही हैं ठीकरा
नई दिल्ली। दिल्ली और एनसीआर के आसमां पर स्मॉग का पहरा है। आम लोग हों या खास हर किसी को स्मॉग के साए में जीना पड़ रहा है। दिल्ली का आईटीओ, आनंद विहार, लोधी रोड और द्वारका खासे प्रभावित हैं तो एनसीआर में गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद का भी हाल बुरा है। स्मॉग की वजह से लोगों को बेचैनी का सामना करना पड़ रहा है। जानकारों का कहना है कि अभी कुछ दिनों तक हालात ऐसे ही बने रहेंगे। इसका अर्थ ये है कि प्रदूषण से आजादी नहीं मिलने वाली है।
प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से कई इंतजाम का दावा किया गया था। लेकिन पीएम 2.5 और 10 के जो आंकड़े सामने आ रहे हैं उससे पता चलता है कि सरकार के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। दिल्ली में कंस्ट्रक्शन गतिविधियों पर लगाम लगाने का भी ऐलान किया गया था। लेकिन ज्यादातर इलाकों में निर्माण कार्यों पर रोक नहीं लग सकी है।
अगर दिल्ली से सटे इलाकों की बात करें तो वहां भी तस्वीर कुछ ज्यादा बेहतर नहीं है। दिन का कोई भी पहर क्यों न हो स्मॉग का घेरा बरकरार है। यहां यह बताना जरूरी है कि सरकारें पराली जलाए जाने को मुख्य वजह बता रही हैं लेकिन उस पर किसी तरह की कार्रवाई होती हुई नजर नहीं आ रही है। दिल्ली सरकार का कहना है कि उनकी तरफ से कई तरह के इंतजाम किए गए हैं। लेकिन पड़ोसी राज्यों में जलाए जा रहे पराली पर वो लगाम नहीं लगा सकती है।