- कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देशभर में लॉकडाउन का ऐलान किया था
- लॉकडाउन के कारण कई लोग, खासकर प्रवासी मजदूर उन शहरों में फंसे हुए हैं, जहां काम के सिलसिले में पिछले कुछ समय से हैं
- सबसे अधिक परेशानी दिहाड़ी मजदूरों को झेलनी पड़ रही है, जिनका काम के अभाव में ऐसे शहरों में रुक पाना मुश्किल हो गया है
नई दिल्ली : देशभर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने लॉकडाउन का ऐलान किया है। सरकार बार-बार लोगों से अपील कर रही है कि वे घरों से न निकलें। लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह जरूरी भी जान पड़ता है, लेकिन मौजूदा हाल में सबसे अधिक समस्या दिहाड़ी मजदूरों के लिए पैदा हो गई है, जो न तो महानगरों में रह पाने की स्थिति में हैं और न मौजूदा हालात उन्हें यहां से जाने दे रहे हैं। ऐसे लोगों में बिहार के निवासियों की एक बड़ी संख्या भी है, जिन्हें कहीं भी ठिकाना नहीं मिल पा रहा है।
प्रशांत का नीतीश पर निशाना
इसी को लेकर प्रशांत किशोर ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा है, जिन्हें इस साल जनवरी में जनता दल (युनाइटेड) से निष्कासित कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में हुए लॉकडाउन के कारण बिहार के सैकड़ों लोग दिल्ली और देश के दूसरे हिस्सों में फंसे हैं। उन्होंने बिहार के निवासियों इस हालत के लिए नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि आज जब दुनियाभर में सभी सरकारें अपने लोगों की मदद कर रही हैं, बिहार के लोग फंसे हुए हैं और नीतीश सरकार उन्हें मदद मुहैया नहीं करा रही है।
दिहाड़ी मजदूरों की बढ़ी मुश्किल
देश में कोराना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पूरे देश में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसके बाद सभी राज्यों ने अपनी सीमाएं सील कर दीं। विभिन्न राज्यों के बीच न तो ट्रेन और न ही बसें चल रही हैं। यहां तक कि मेट्रो व उड़ान सेवाएं भी प्रतिबंधित हैं, जिसके कारण लोगों की आवाजाही कहीं नहीं हो पा रही है। इससे सबसे अधिक परेशानी यहां रह रहे दिहाड़ी मजदूरों को झेलनी पड़ रही है, जिनका काम के अभाव में उस शहर में रुक पाना मुश्किल हो गया है, जहां वे काम के सिलसिले में बीते कुछ समय से रह रहे हैं।
तेजस्वी ने भी उठाया मुद्दा
आरजेडी नेता व बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी यह मुद्दा उठाया है। ऐसी कई रिपोर्ट्स हैं, जिनमें बताया जा रहा है कि दिल्ली के आनंद विहार और ऐसे अन्य स्थानों पर बिहार लौटने की कोशिश कर रहे लोगों की भारी भीड़ है, जिन्हें कुछ समझ ही नहीं आ रहा है कि वे इन हालातों में क्या करें। ऐसे लोग गहरी निराशा व हताशा से जूझ रहे हैं। आनंद विहार पर एक ऐसे ही युवक से जुड़े मीडिया रिपोर्ट का जिक्र तेजस्वी ने अपने ट्वीट में किया है, जिसके मुताबिक, अपनी हालत को बयां करता वह युवक रो पड़ा और केवल इतना कह पाया कि वह घर जाना चाहता है।
पैदल ही चल पड़े गांव
यह युवक निर्माण क्षेत्र से जुड़ा बताया जा रहा है, लेकिन कोरोना वायरस के कारण काम बंद हो गया है, जिसके कारण उसके लिए मुश्किल खड़ी हो गई है। ऐसे और भी कई लोग हैं, जो रोज कमाते हैं और फिर जाकर उनके घर का चूल्हा जलता है। इस युवक ही तरह और भी कई लोग हैं, जो कामबंदी के कारण अपने घर लौटना चाहते हैं, लेकिन उन्हें कोई साधन नहीं मिल रहा। ऐसे में कई लोगों ने पैदल ही अपने घरों का रुख कर लिया है, इस उम्मीद में चलते-चलते आखिर एक दिन वह अपने घर जरूर पहुंच जाएंगे, क्योंकि यहां काम के अभाव में रह पाना तो मुश्किल है।