- 2 अक्टूबर से बिहार की पदयात्रा करेंगे प्रशांत किशोर
- प्रशांत किशोर बोले- अभी पार्टी के गठन का इरादा नहीं
- लालू यादव और नीतीश राज से आगे बढ़ने की जरूरत
Prashant Kishor Jan Suraj: राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले प्रशांत किशोर राजनीतिक अवतार में नजर आएंगे। उन्होंने कुछ दिन पहले जन सुराज अभियान शुरू करने की बात कही और गुरुवार को औपचारिक तौर पर आगाज किया। उन्होंने कहा कि तमाम लोगों के मन में इस तरह की बात चल रही थी कि वो पार्टी गठित करने जा रहे हैं लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं है। पहले वो बिहार को समझने के लिए पदयात्रा करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वो सकारात्म राजनीति में भरोसा करते हैं उनके लिए राजनीति नहीं बल्कि सेवा बड़ा मकसद है।
'लालू और नीतीश के दावों में दम लेकिन बिहार पिछड़ा है'
पिछले 3 दशकों में बिहार ने लालू जी और नीतीश जी का शासन देखा है। लालू जी और उनके समर्थन का मानना है कि सामाजिक न्याय हो रहा था। 2014 के बाद नीतीश जी और उनके समर्थकों का मानना है कि उन्होंने विकास का काम किया है. इन दावों में कुछ तो सही है। लेकिन उनके दावों में जितनी सच्चाई है, यह भी सच है कि बिहार भारत का सबसे पिछड़ा राज्य है। इसलिए अगर आप अगले 10-15 साल देखेंगे तो यह सड़क बिहार को विकास की ओर नहीं ले जाएगी।
3 हजार किमी की पदयात्रा पर निकलेंगे प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने कहा कि पूरे राज्य को समझने के लिए राज्य के बारे में और जानने के लिए 2 अक्टूबर से 3,000 किलोमीटर की पदयात्रा शुरू करूंगा। हम इसकी शुरुआत चंपारण से करेंगे। उन्होंने कहा कि आगे के विकास के लिए नवाचार की आवश्यकता है। पहले की राजनीतिक व्यवस्थाओं द्वारा जो किया जा रहा था उससे बहुत आगे करने की आवश्यकता है। एक नई सोच और प्रयास की जरूरत है। यह कौन करेगा यह बहस का विषय है। मेरे विचार से कोई एक व्यक्ति ऐसा नहीं कर सकता। जब तक बिहार की जनता एकजुट होकर प्रयास नहीं करेगी, बिहार का विकास नहीं हो सकता।
अभी कोई नई पार्टी नहीं बनाने जा रहा
जैसा कि अनुमान लगाया गया है, मैं आज कोई पार्टी शुरू नहीं करने जा रहा हूं।हम इस संबंध में काम कर रहे हैं। हमने लगभग 17 हजार लोगों से संपर्क किया है जिनसे मैं मिलने जा रहा हूं। मैं पिछले 3 दिनों में 150 लोगों से मिल चुका हूं। अलग-अलग जाति के लोग, अलग-अलग प्रोफाइल वाले, मुझसे मिले हैं। मेरी पहली घोषणा यह है कि मैं अगले कुछ दिनों में इन लोगों से मिलकर बिहार के विकास के उनके विचार और यह कैसे किया जा सकता है, यह जानने के लिए मिलूंगा।अगर हम भविष्य में तय करेंगे कि हमें एक राजनीतिक पार्टी बनाने की जरूरत है तो वह प्रशांत किशोर की पार्टी नहीं होगी। प्रशांत किशोर ने कहा कि यह लोगों की पार्टी होगी।
अभी किसी से गठबंधन की योजना नहीं
प्रशांत किशोर ने कहा कि वो बिहार के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हैं कि वो अपनी बुद्धि बिहार के विकास के लिए समर्पित करेंगे। वो इसे अधूरा नहीं छोड़ेंगे। इससे पहले उन्होंने 'बात बिहार की' शुरू की थी। लेकिन 2020 में, कोविड ने हमारे काम को प्रभावित किया। मेरी अभी तक किसी राजनीतिक दल के साथ चुनाव लड़ने या गठबंधन करने की कोई योजना नहीं है।
कांग्रेस में शामिल होने पर पीके की राय
कांग्रेस चाहती थी कि मैं उस अधिकार प्राप्त समूह में शामिल हो जाऊं। लेकिन वह कांग्रेस अध्यक्ष की कार्यकारी शक्ति द्वारा गठित किया गया होता। तो जिस तरह से समुह बनाया जा रहा था, उससे पार्टी के भीतर और दरार पैदा हो सकती थी।
नीतीश जी के संबंध अच्छा लेकिन
मेरे निजी स्तर पर नीतीश कुमार से बहुत अच्छे संबंध हैं। लेकिन उनके साथ काम करना अलग बात है। आज मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि नीतीश कुमार जी को लेकर जो भी कयास लगाए जा रहे थे, वे झूठे निकले।