- हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा राष्ट्रपति ने किया मंजूर
- केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को मिला मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार
- किसानों से जुड़े तीन विधेयकों के विरोध में गुरुवार को दिया था हरसिमत कौर ने इस्तीफा
नई दिल्ली:शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की नेता एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कृषि से जुड़े तीन विधेयकों के विरोध में गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। बादल का इस्तीफा राष्ट्रपति ने मंजूर कर लिया है। फिलहाल केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को खाद्य और प्रसंस्करण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
राष्ट्रपति ने स्वीकार किया इस्तीफा
राष्ट्रपति भवन द्वारा विज्ञप्ति के मुताबिक, 'प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा संविधान के अनुच्छेद 75 के नियम 2 के तहत तुरंत प्रभाव से स्वीकार कर लिया है। प्रधानमंत्री की सलाह पर, राष्ट्रपति ने नरेंद्र सिंह तोमर को खाद्य और प्रसंस्करण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है।' इससे पहले हरसिमरत कौर के पति और शिरोमणि अकाली दल के मुखिया सुखबीर सिंह ने कहा था कि उनकी पत्नी और केंद्रीय मंत्री किसानों से जुड़े तीन विधेयकों को लेकर इस्तीफा देंगी।
कौर ने किया था ट्वीट
हरसिमत कौर बादल ने लोकसभा में इन विधेयकों के पारित होने से महज कुछ ही घंटे पहले ट्वीट किया, ‘मैंने किसान विरोधी अध्यादेशों और विधेयकों के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। किसानों की बेटी और बहन के तौर पर उनके साथ खड़े होने पर गर्व है।’ कौर ने प्रधानमंत्री को लिखे चार पेज के अपने पत्र में कहा कि उनके लगातार तर्क करने और उनकी पार्टी की बार-बार की कोशिशों के बावजूद केंद्र सरकार ने इन विधेयकों पर किसानों का विश्वास हासिल नहीं किया।
कांग्रेस पर निशाना
कौर ने कहा कि प्रस्तावित अधिनियम कृषि क्षेत्र का निर्माण करने के लिये पंजाब की विभिन्न सरकारों और किसानों की 50 वर्षों की कड़ी मेहनत को बर्बाद कर देंगे। उन्होंने विधेयकों का पुरजोर विरोध करते हुए भारत को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में पंजाब के व्यापक योगदान को याद किया। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि इस पार्टी का इस मुद्दे पर दोहरा मानदंड है और 2019 के लोकसभा चुनाव तथा 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में उसके घोषणा पत्र में एपीएमसी अधिनियम को खत्म करने का उल्लेख था।