- शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि कश्मीर समस्या का समाधान लाउडस्पीकर उतारने से नहीं होगा
- बडगाम में आतंकवादियों ने गुरुवार को कश्मीरी पंडित राहुल भट की गोली मारकर हत्या कर दी
- राउत ने पूछा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद कितने कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी हुई है
Sanjay Raut : शिवसेना नेता संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि कश्मीर की समस्या का समाधान हनुमान चालीसा पढ़ने और लाउडस्पीकर बंद करने से नहीं होगा। राज्यसभा सांसद ने कहा कि कश्मीरी पंडितों की घर वापसी और उनकी सुरक्षा बीजेपी का मुख्य एजेंडा था लेकिन अनुच्छेद 370 हटाने के बाद भी कश्मीर की समस्या का हल नहीं हो पा रहा है। इस समय भी कश्मीर की स्थिति शांतिपूर्ण नहीं है। कश्मीरी पंडितों की जान खतरे में है। गृह मंत्री को इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।
राउत ने पूछा-अब तक कितने कश्मीरी पंडित लौटे?
राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह कश्मीर को लेकर बहुत ही चिंतित रहते हैं। उन्होंने कश्मीरी पंडितों के घर वापसी की बात की लेकिन अब तक कितने लोग कश्मीर लौटे हैं, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। कश्मीरी पंडितों को भी शांतिपूर्वक रहने नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, 'कश्मीर में अशांति और हिंसा के लिए बार-बार आप पाकिस्तान पर अंगुली मत उठाइए। कश्मीरी पंडितों के लिए क्या किया जा रहा है, सरकार को इसे बताना चाहिए। कश्मीर में एक बार फिर तनाव का माहौल बनाया जा रहा है। ऐसे में सरकार को सख्त कदम उठाने की जरूरत है।'
कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या
बता दें कि बगडाम में गुरुवार को आतंकियों ने कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की गोली मारकर हत्या कर दी। राहुल बडगाम के तहसील ऑफिस में क्लर्क के पद पर तैनात थे। वह दफ्तर में काम ही कर रहे थे कि दो आतंकवादी वहां दाखिल हुए और उन्हें गोली मार दी। इलाज के लिए राहुल को अस्पताल ले जाया गया लेकिन उनकी जान नहीं बच पाई। राहुल की हत्या के बाद बगडाम सहित कश्मीर में कश्मीरी पंडितों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने गुरुवार को श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग को जाम कर दिया।
राहुल भट्ट की हत्या पर कश्मीरी पंडितों का फूटा आक्रोश, बडगाम में प्रदर्शन, कई हिरासत में
सुरक्षा लेकर कश्मीरी पंडितों का प्रदर्शन
हत्या के खिलाफ कश्मीरी पंडितों ने शुक्रवार को बडगाम सहित अन्य जगहों पर विरोध प्रदर्शन करते हुए मार्च निकाला। बडगाम में उनकी सुरभाकर्मियों के साथ झड़प भी हुई। प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस आंसू गैस के गोले और हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा। कश्मीरी पंडितों का कहना है कि सरकार के आश्वासनों के बावजूद वे सुरक्षित नहीं हैं, उन पर हमले हो रहे हैं। पंडितों ने अपनी सुरक्षा की मांग की है। जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।