- पंजाब में कोरोना संक्रमण के मामले तेज गति से बढ़ रहे हैं
- लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने महाराष्ट्र सरकार पर साधा निशाना
- कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा पंजाब में कोरोना संक्रमण के रहे तीन सोर्स
चंडीगढ़: कोरोना संक्रमण के मामले देश में लगातार बढ़ रहे हैं और महाराष्ट्र इस संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित हुआ है। इस बीच पंजाब में अचानक से मामलों में इजाफा हुआ है और इसके पीछे कारण है महाराष्ट्र के नांदेड़ से आए सिख श्रद्धालु। बढ़ते मामलों को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है।
हमसे बोला झूठ
एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में भाग लेते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने नांदेड़ में फंसे श्रद्धालुओं के कोरोना टेस्ट को लेकर हमसे झूठ बोला है। इस दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि हमने नांदेड़ से आने वाली सभी श्रद्धालुओं को क्वारंटीन में रखा गया है। अमरिंदर सिंह ने कहा कि अगर हमें पहले से पता होता तो हम उनका जरूर टेस्ट करवाते।
तीन जगहों से आया कोरोना
इस दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, 'हम ऐसा करने वाले पहले राज्य थे जिसने कर्फ्यू लगाया था। हमारे यहां तीन जगहों से इंफेक्शन आई जिनमें से एनआरआई से शुरूआत हुई। इसके बाद निजामुद्दीन से आए तबलीगी जमात के लोगों की वजह से और तीसरा राजस्थान और महाराष्ट्र से आए लोगों की वजह मामले बढ़े। नांदेड जो आए थे उससे दो दिन पहले चार गाड़िया लिंक रोड से होते हुए अपने गांव चले गए। हालांकि हमने उन्हें पकड़ लिया है।'
पंजाब में लगातार बढ़ रहे हैं मामले
आपको बता दें कि महाराष्ट्र के हुजूर साहिब गुरुद्वारा से पंजाब वापस आए सिख श्रद्धालुओं में से अभी तक 200 से अधिक श्रद्धालुओं में कोरोना पॉजिटिव मिल चुका है। पंजाब सरकार के आंकड़ों के अनुसार नांदेड़ गुरुद्वारा से से 3500 से अधिक श्रद्धालु वापस लौटे हैं। नांदेड़ के सिख श्रद्धालुओं की वजह से पंजाब में आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं। इससे पहले पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ने भी महाराष्ट्र सरकार पर नाराजगी जताई थी।
स्वास्थ्य मंत्री ने भी जताई थी नाराजगी
स्वास्थ्य मंत्री ने महाराष्ट्र सरकार को लिखे एक खत में कहा, 'अगर उन्होंने हमें बताया होता तो हम अपनी मेडिकल टीम भेजकर इनका टेस्ट करवाते। पंजाब सरकार बिना किसी का राज्य देखे, हर आदमी की टेस्टिंग कर रही है।' हालांकि महाराष्ट्र सरकार की तरफ से कहा गया था कि यहां हर श्रद्धालु की यहां जांच हुई थी, सभी में लक्षण नहीं दिख रहे थे।