- पंजाब विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र शुक्रवार को
- केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ से संबंधित मामलों के संबंध में'' एक प्रस्ताव पेश करेंगे सीएम मान
- चंडीगढ़ के कर्मचारियों पर केंद्रीय सेवा नियम लागू होने से भड़की है राज्य सरकार
चंडीगढ़: पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के साथ ही केंद्र सरकार के साथ टकराव की स्थिति भी बनती दिखाई दे रही है। पंजाब की भगवंत मान की सरकार ने आज एक दिन का विधान सभा का विशेष सत्र बुलाया है। जानकारी के मुताबिक इस एक दिन के सत्र में केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ से संबंधित मामलों में एक प्रस्ताव पेश करेंगे। एक दिन पहले ही मान कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
अधिनियम के खिलाफ मान सरकार
दरअसल केंद्र सरकार ने तय किया है कि केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के कर्मचारियों पर केंद्रीय सेवा नियम लागू होंगे। लेकिन पंजाब सरकार केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार के इस फैसले को पंजाब पुनर्गठन अधिनियम के खिलाफ बताया है। इस मामले में पंजाब के दूसरे विपक्षी दल भी एकजुट हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि वो पंजाब के हितों के लिए आखिरी दम तक लड़ते रहेंगे।
गृह मंत्री का तर्क
दूसरी तरफ गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि नए नियम लागू होने से चंडीगढ़ के सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा और उनकी रिटायरमेंट की उम्र भी 58 से बढ़कर 60 हो जाएगी साथ ही महिला कर्मचारियों पर भी बच्चों की देखभाल के लिए मिलने वाली छुट्टियों का नियम भी लागू हो जाएगा। एक अप्रैल से लागू होने वाले चंडीगढ़ केंद्रशासित प्रदेश कर्मचारी (सेवा शर्तें) नियम-2022 के मुताबिक चंडीगढ़ प्रशासन के ए, बी और सी श्रेणी के कर्मियों का वेतनमान केंद्र सरकार के समकक्ष कर्मचारियों के समान होगा। चंडीगढ़ प्रशासन के ग्रुप डी श्रेणी के कर्मियों का वेतनमान और अन्य सेवा शर्तें उनके समकक्ष केंद्र सरकार के ग्रुप सी के कर्मियों के बराबर होंगी।