- पंजाब में कांग्रेस के दलित नेता चरणजीत चन्नी नए मुख्यमंत्री होंगे
- चन्नी अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे
- वह रूपनगर जिले के चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं
नई दिल्ली: पंजाब को नया मुख्यमंत्री मिल गया है। 58 साल के चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के नए मुख्यमंत्री होंगे। वह अमरिंदर सिंह की सरकार में तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण के मंत्री थे। वह चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। इससे पहले, वह 2015 से 2016 तक पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। 16 मार्च 2017 को उन्हें कैबिनेट मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। चन्नी चमकौर साहिब से तीसरी बार विधायक हैं। चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब का दलित चेहरा है। चन्नी रामदासिया समुदाय से आते हैं। एससी-एसटी में आता है रामदासिया समुदाय। उन्हें राहुल गांधी का करीबी माना जाता है।
जमीनी स्तर के नेता चन्नी ने 2000 के दशक की शुरुआत में खरड़ से कांग्रेस के टिकट पर स्थानीय निकाय चुनाव जीता था। उन्होंने 2007 के विधानसभा चुनावों में पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ विद्रोह किया और निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद वे विधानसभा में शिरोमणि अकाली दल के सहयोगी सदस्य बन गए और पीपीपी के मनप्रीत बादल के बहुत करीब हो गए, जो अमरिंदर की कैबिनेट में मंत्री थे। 2010 में चन्नी दिसंबर 2010 में अमरिंदर की मदद से कांग्रेस में शामिल हो गए।
बाद में वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सीपी जोशी के संपर्क में थे, जब वह चुनाव प्रभारी थे। जोशी ने ही उन्हें राहुल गांधी से मिलवाया था। अक्टूबर 2018 में चन्नी उस समय विवादों में आए जब एक महिला आईएएस अधिकारी ने आरोप लगाया कि उन्होंने उसे एक 'अनुचित' मैसेज भेजा था। विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस सामाजिक समीकरण साधने की कोशिश में है। प्रदेश में 30 प्रतिशत से अधिक दलित आबादी है।
सिद्धू ने की चन्नी की पैरवी
चन्नी को रविवार को पार्टी विधायक दल का नया नेता चुना गया। कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने बताया कि चन्नी को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया। रावत ने ट्वीट किया कि यह घोषणा करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है कि चरणजीत सिंह चन्नी को सर्वसम्मति से कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने चन्नी के नाम की जोरदार पैरवी की और फिर राहुल गांधी ने दिल्ली में लंबी मंत्रणा के बाद चन्नी के नाम को मंजूरी दी।