- गणतंत्र दिवस के दिन लाल किले पर सिधाना पर हिंसा फैलाने का है आरोप
- सिधाना को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस ने उसके ऊपर 1 लाख रु. का इनाम रखा है
- भाजपा का कहना है कि आरोपी सिधाना को बचा रही पंजाब की कैप्टन सरकार
बठिंडा : गणतंत्र दिवस के दिन लाल किला पर हिंसा के लिए उकसाने के मुख्य आरोपियों में से एक लक्खा सिधाना बठिंडा के एक किसान रैली में देखा गया है। सिधाना के सिर पर एक लाख रुपए का इनाम है लेकिन अब तक दिल्ली एवं पंजाब पुलिस की पकड़ से बाहर है। कुछ दिनों पहले सिधाना एक और भड़काने वाला वीडियो जारी किया और लोगों से बड़ी संख्या में बठिंडा में होने वाली किसान रैली में पहुंचने की अपील की। गणतंत्र दिवस की हिंसा के बाद से सिधाना फरार है। फरार रहते हुए उसने सोशल मीडिया पर अपने कई वीडियो पोस्ट किए हैं।
लाल किले पर हिंसा फैलाने का है आरोपी
मीडिया रिपोर्टों की मानें तो उसने भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) नेता राकेश टिकैत पर भी निशाना साधा है। उसका कहना है कि किसान आंदोलन का श्रेय एक व्यक्ति ले रहा है जो कि पंजाबी नहीं है। गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने लाल किले पर जमकर उपद्रव और हिंसा किया। दिल्ली पुलिस का कहना है कि हिंसा के लिए उकसाने वालों में दीप सिद्धू और लक्खा सिधाना मुख्य रूप से शामिल हैं।
सोशल मीडिया में अपलोड कर रहा वीडियो
लाल किले की हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस ने दीप सिद्धू को तो गिरफ्तार कर लिया लेकिन लखाना अभी भी पुलिस की पकड़ में नहीं आया है। इस बीच वह बठिंडा की किसान रैली में दिखाई दिया है। वह सोशल मीडिया में वीडियो भी अपलोड कर रहा है। ऐसे में सवाल है कि दिल्ली या पंजाब पुलिस उसे गिरफ्तार क्यों नहीं कर पा रही है।
सिधाना को बचा रही पंजाब सरकार-भाजपा
ऐसी रिपोर्टों हैं कि पंजाब पुलिस सिधाना को पकड़ने में दिल्ली पुलिस की मदद नहीं कर रही है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सरकार पर सिधाना को बचाने का आरोप लगाया है। भाटिया का कहना है कि सीएम के इशारे पर सिधाना पर पुलिस हाथ नहीं डाल रही है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन पर कांग्रेस राजनीति कर रही है।