- गत 15 जून को गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प
- एलएसी पर गतिरोध तोड़ने के लिए दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच हो रही बातचीत
- भारत ने स्पष्ट कहा है कि वह अपनी संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता से समझौता नहीं करेगा
नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में चीन के अतिक्रमण पर सरकार पर लगातार हमलावर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। राहुल ने मंगलवार को पूछा कि क्या भारतीय जमीन पर चीन ने कब्जा किया है। कांग्रेस नेता ने अपने एक ट्वीट में लद्दाक स्थित पेगांग त्सो झील की तस्वीर ट्वीट की है। इसके साथ ही उन्होंने लिखा है, 'चीनी आक्रमण के खिलाफ हम एकजुट खड़े हैं। क्या भारतीय जमीन पर चीन ने कब्जा किया है।' मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इस पेंगोंग झील की यह तस्वीर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा ली गई है।
राहुल गांधी ने एक दिन पहले यानि सोमवार को भी सवाल पूछा। कांग्रेस नेता ने कहा कि वह जानना चाहते हैं कि गलवान घाटी में भारतीय सेना के 20 जवानों की हत्या करने वाला चीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा क्यों कर रहा है। राहुल ने अपने पोस्ट में कहा, 'चीन ने हमारे सैनिकों की हत्या की। उसने हमारी जमीन पर कब्जा किया। ऐसे में तनाव एवं संघर्ष के दौरान वह प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा क्यों कर रहा है?' इसके एक दिन पहले रविवार को राहुल ने पीएम पर यह कहते हुए निशाना साधा कि वह 'सरेंडर मोदी' हैं।
'सरेंडर मोदी' का कसा है तंज
काग्रेस नेता ने पीएम पर चीन के समक्ष सरेंडर करने का आरोप लगाया। पीएम मोदी ने गत शुक्रवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की स्थितियों की जानकारी देने के लिए विपक्ष की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में उन्होंने कहा कि भारतीय क्षेत्र में कोई दाखिल नहीं हुआ और न ही हमारी कोई चौकी किसी के कब्जे में है। पीएम के इस बयान के बाद राहुल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने भारतीय इलाके को चीन के समक्ष समर्पण कर दिया है। राहुल के इस आरोप के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उन पर पलटवार किया। भाजपा ने कहा कि राहुल गांधी को तथ्यों की जानकारी नहीं है।
गलवान घाटी में 15 जून को हुई हिंसा
गत 15 जून को पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी झड़प हुई। दोनों देशों के बीच पिछले 45 सालों में यह सबसे भीषण टकराव है। इस हिंसा में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए। चीन के तरफ भी नुकसान होने की खबर है। हालांकि, चीन ने इस लड़ाई में हताहत हुए अपने सैनिकों की संख्या जाहिर नहीं की है लेकिन मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि इस हिंसा में उसके 35 से 40 सैनिक मारे गए। चीन के एक कमांडर के मारे जाने की बात सामने आई है।
घटना के बाद एलएसी पर तनाव
गलवान घाटी की हिंसा के बाद एलएसी पर तनाव है। दोनों देशों ने एलएसी के समीप अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है। चीन ने सीमा पर अपने बम वर्षक विमान, लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टर तैनात किए हैं। भारत ने भी एलएसी के समीप अपने सभी अग्रिम मोर्चों को अलर्ट पर रखा है। दोनों देशों की तरफ से तनाव कम करने के लिए सैन्य स्तर की वार्ता भी हो रही है। गत छह जून की बातचीत के बाद सोमवार को मोल्डो में कमांडर स्तर की एक लंबी वार्ता हुई। मोल्डो चीन के हिस्से वाले एलएसी पर स्थित है। इस सैन्य बातचीत के एजेंडे में सीमा पर तनाव कम करना, हिंसा में कमी लाने और एलएसी से अपनी फौज की संख्या में कमी लाना शामिल है।