तूतीकोरिन : भारत-चीन तनाव के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है और कहा कि चीन जानता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के हितों से समझौता कर लेंगे। वे समझ गए हैं कि प्रधानमंत्री 'डरे हुए हैं।' कांग्रेस ने तमिलनाडु के तूतीकोरिन में यह बात कही, जहां वह विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के प्रचार अभियान की अगुवाई कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर हमलावर कांग्रेस नेता ने कहा कि र्वी लद्दाख में गतिरोध से पहले चीन ने 2017 में डोकलाम में भी इसी तरह की रणनीति अपनाई थी। वे देखना चाहते थे कि भारत क्या प्रतिक्रिया देता है? जब उन्होंने देखा कि भारत ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो उन्होंने वही रणनीति लद्दाख में आजमाई। कोंग्रेस नेता ने कहा, 'मेरा मानना है कि उन्होंने (चीन) अरूणाचल प्रदेश में भी ऐसा ही किया होगा।'
कांग्रेस नेता ने दोहराया कब्जे का आरोप
कांग्रेस नेता का यह बयान ऐसे समय में आया है जबकि पूर्वी लद्दाख में सैनिकों, हथियारों एव अन्य सैन्य साजो-सामान की पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी किनारे से वापसी के साथ पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। कांग्रेस नेता ने एक बार फिर कहा कि चीन ने भारत के कुछ सामरिक इलाकों पर कब्जा कर लिया है। यह भविष्य के लिए बेहद खतरनाक है, क्योंकि चीन आगे भी इस तरह का दुस्साहस कर सकता है।
केंद्र पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, 'मेरे शब्दों को लिख लीजिए, देपसांग में हमारी जमीन अब इस सरकार के कार्यकाल में वापस नहीं लौट सकती है। प्रधानमंत्री जमीन वापस नहीं ले पाएंगे। वह बहाना करेंगे कि हर चीज का समाधान हो गया है, लेकिन भारत उस क्षेत्र को खोने जा रहा है।' कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी की सरकार चीन से बेझिझक निपटती रही है।
'कांग्रेस सरकार ने चीन को दिया करारा जवाब'
उन्होंने कहा कि साल 2013 में जब चीन ने भारत में घुसने की हिमाकत की थी तो तत्कालीन संप्रग सरकार ने कार्रवाई की, जिसके बाद वे समझौता करने के लिए बाध्य हो गए। उन्होंने कहा, 'हम आगे बढ़े और अन्य इलाकों पर भी कब्जा किया।' कांग्रेस नेता यहां वीओसी कॉलेज में बोल रहे थे, जब उन्होंने केंद्र की मौजूदा एनडीए सरकार पर 'हम दो, हमारे दो' नारे के साथ भी तंज किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री दो लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है। 'हम दो, हमारे दो' उनका पूरा इस्तेमाल अपनी संपत्ति को बढ़ाने में करते हैं, जबकि गरीबों के लिए उनका होना कोई मायने नहीं रखता।
राहुल गांधी ने इस दौरान देश में लोकतंत्र की स्थिति का मसला भी उठाया और कहा कि यह इस वक्त 'मरणासन्न' स्थिति में पहुंच गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीते छह वर्षों में संवैधानिक संस्थाओं और प्रेस की स्वतंत्रता पर व्यवस्थित तरीके से हमले किए गए हैं। उन्होंने इन सबके लिए आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि लोकतंत्र कभी झटके से समाप्त नहीं होता, बल्कि इसे धीरे-धीरे खत्म किया जाता है।