- पंजाब की अपनी दो दिनों की यात्रा के बाद आज हरियाणा पहुंचेंगे राहुल
- कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ कांग्रेस राज्यों में विरोध-प्रदर्शन कर रही है
- पंजाब में दो दिनों तक राहुल ने ट्रैक्टर से की यात्रा, किसानों को संबोधित किया
चंडीगढ़ : कांग्रेस नेता राहुल गांधी की हरियाणा रैली कार्यक्रम में बदलाव आ गया है। राहुल हरियाणा में किसानों के साथ अब दो दिन नहीं बल्कि एक दिन का समय बीताएंगे। कांग्रेस कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ राज्य में विरोध प्रदर्शन कर रही है। इसमें राहुल गांधी को शरीक होना है। पहले वह हरियाणा में दो दिन तक रुकने वाले थे लेकिन उनके इस कार्यक्रम में कटौती कर एक दिन का कर दिया गया है। राहुल ने रविवार और सोमवार को पंजाब में ट्रैक्टर रैलियां की हैं।
कुमारी सैलजा ने कार्यक्रम में बदलाव की जानकारी दी
हरियाणा कांग्रेस की प्रमुख कुमारी सैलजा ने अपने एक ट्वीट में कहा कि राज्य में राहुल गांधी दो दिन के बजाय अब एक दिन रहेंगे। उन्होंने बताया कि गांधी पहले पिहोवा पहुंचेंगे और इसके बाद कुरुक्षेत्र जाएंगे। राहुल पंजाब में 'खेती बचाओ यात्रा' के तहत किसानों की समस्याओं को उजागर करते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला है।
संगरूर में मोदी सरकार पर बोला हमला
संगरूर में सोमवार को एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले छह वर्षों के दौरान नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार की कोई भी नीति गरीबों, किसानों या मजदूरों के कल्याण के लिए नहीं थी। उन्होंने कहा, ‘सभी नीतियां उनके तीन-चार चुनिंदा दोस्तों के लिए बनायी गई हैं।' उन्होंने कहा, ‘पीडीएस प्रणाली को मजबूत बनाने की आवश्यकता है और अधिक संख्या में मंडियों को स्थापित करने की आवश्यकता है। एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी देने की, किसानों को बुनियादी ढांचा मुहैया कराने, भंडार गृह स्थापित करने की जरूरत है।’
किसानों को मंडियां खत्म होने की आशंका
बता दें कि सरकार ने मानसून सत्र के दौरान संसद कृषि सुधार से जुड़े तीन विधेयकों को पारित किया है। सरकार का कहना है कि इन कानूनों के लागू हो जाने के बाद किसानों की आय में इजाफा होगा और वे अपनी फसल देश में कहीं पर ले जाकर बेच सकेंगे। जबकि किसानों को आशंका है कि इन कानूनों के बाद एमएसपी और मंडियां खत्म हो जाएंगी। किसान इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। वहीं, किसानों का साथ विपक्षी पार्टियां दे रही हैं। विपक्ष का आरोप है कि इन कानूनों से किसान की खेती पर कॉरपोरेट का कब्जा हो जाएगा।