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जब केरल में राहुल गांधी मछली पकड़ने उतर गए समुद्र में, सामने आईं ये Pics

Updated Feb 24, 2021 | 16:43 IST

Rahul Gandhi went fishing: राहुल गांधी मछुआरों के साथ उनकी नाव में बैठकर समुद्र में भी गए उन्होंने अपनी यात्रा सुबह लगभग साढ़े चार बजे वाडी तट से शुरू की और करीब एक घंटे तक समुद्र में रहे।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
राहुल गांधी
मुख्य बातें
  • कांग्रेस नेता ने कहा कि मछुआरों ने उन्हें बताया कि उनका कोई बीमा भी नहीं है
  • राहुल बोले-'मैंने सिर्फ एक दिन जाल फेंका है, आप रोजाना यह काम करते हैं'
  • कांग्रेस नेता ने कहा कि वह मछुआरों के जीवन को आसान बनाने के लिए काम करना चाहते हैं

कोल्लम: केरल के कोल्लम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी मछुआरों के जीवन का अनुभव लेने और उनकी समस्याओं को समझने के लिए उनके साथ समुद्र में मछली पकड़ने गए। यहां थांगस्सेरी तट पर एकत्र हजारों मछुआरों के साथ बातचीत में कांग्रेस नेता ने कहा कि उनके मन में मछुआरों के काम के प्रति आदर और सम्मान है। गांधी ने कहा, 'मैं आपके काम को समझता हूं और उसका आदर करता हूं। मैं आपके काम की प्रशंसा करता हूं।

कई बार ऐसा होता है कि हम मछली खाते हैं लेकिन इसके पीछे की कठिन मेहनत को हम समझ नहीं पाते हैं और न ही यह समझ पाते हैं कि यह हमारी प्लेट तक कैसे पहुंची।'

मछुआरों को 'भाई' कहकर संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता ने कि वह उनके दैनिक जीवन को समझना चाहते थे।उन्होंने कहा, 'आज सुबह मैं अपने भाइयों के साथ समुद्र में गया। नाव की यात्रा शुरू होने से लेकर उसकी वापसी तक उन्होंने सभी खतरे उठाए…खूब मेहनत की। वे समुद्र में जाते हैं, जाल खरीदते हैं लेकिन उसका फायदा कोई और उठाता है।'

उन्होंने मछुआरों के साथ मिलकर समुद्र में मछली पकड़ने वाला जाल फेंका और मछली भी पकड़ी। नीली टी-शर्ट और खाकी पैंट पहने कांग्रेस नेता ने तट पर वापसी के दौरान वहां खड़े लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया।

जाल फेंका और वापस निकाला तो इसमें सिर्फ एक मछली थी

कांग्रेस नेता ने कहा, 'उन्होंने (मछुआरों) समुद्र में जाल फेंका और वापस निकाला तो इसमें सिर्फ एक मछली थी। इसलिए नाव, इस यात्रा और पेट्रोल पर खर्च के बाद हम पाते हैं कि पूरी प्रक्रिया का खर्च भी नहीं निकल पाया।’'गांधी ने कहा, 'वह सोच रहे थे कि जाल ढेर सारी मछलियों से भरा होगा लेकिन वह खाली ही पानी से बाहर निकला। इसे मैंने अपनी आंखों से देखा और यह मेरा अनुभव रहा। 'मछुआरों की दिक्कतों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल के दाम रोजाना बढ़ रहे हैं लेकिन मछुआरा समुदाय एक तय आकार से परे इंजन नहीं खरीद सकता है।उन्होंने कहा कि मछुआरों ने उन्हें बताया कि अगर वे एक घंटे विलंब से जाते हैं तो उन्हें वह कीमत नहीं मिल पाती है जो एक घंटे पहले मिल सकती थी।

'मैंने सिर्फ एक दिन जाल फेंका है, आप रोजाना यह काम करते हैं'

कांग्रेस नेता ने कहा कि मछुआरों ने उन्हें बताया कि उनका कोई बीमा भी नहीं है।गांधी ने मछुआरों से कहा, 'मुझे पता है कि आप क्या करते हैं। और अब, जब कोई मछुआरा मेरे पास आकर बताता है कि वह किन दिक्कतों का सामना कर रहा है तो मैं अब उसे थोड़ा समझ सकता हूं कि वे किन परिस्थितयों से गुजर रहे हैं।

निश्चित तौर पर मैं उनकी वास्तविकता को पूरी तरह कभी भी नहीं समझ सकता हूं। मैंने सिर्फ एक दिन जाल फेंका है, आप रोजाना यह काम करते हैं।'

मछुआरों से पूछा कि उनके बच्चे क्या करते हैं?

उन्होंने कहा, 'नाव पर उन्होंने मछली पकाई। पहली बार मैंने सीधे तौर पर अपनी आंखों से देखकर यह महसूस किया कि कितनी दिक्कतों के बाद हमारी थाली तक यह पहुंचती है।' कांग्रेस नेता ने कहा कि वह मछुआरों के जीवन को आसान बनाने के लिए काम करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह उनकी सभी दिक्कतों को तो दूर नहीं कर सकते हैं लेकिन निश्चित तौर पर वह उनके साथ काम करते हुए जहां तक संभव हो सकता है, वहां तक उनकी दिक्कतों को दूर करने की कोशिश कर सकते हैं। गांधी ने कहा, 'नाव से उतरने से पहले मैंने मछुआरों से पूछा कि उनके बच्चे क्या करते हैं? उन्होंने बताया कि वे मछुआरे नहीं बनना चाहते हैं क्योंकि यह काफी मुश्किल और खतरों भरा काम है।' 

फोटो साभार-Kerala Pradesh Congress Sevadal @SevadalKL_Twitter

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