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दुनिया में भारत के एजेंडे को आकार देगा रायसीना डायलॉग 2020, 12 देशों के विदेश मंत्री हो रहे शामिल

Updated Jan 14, 2020 | 13:44 IST

Raisina Dialogue 2020 : रायसीना डायलॉग के पांचवें संस्करण का आयोजन मंगलवार से दिल्ली में हो रहा है। इस कार्यक्रम में 100 देशों के करीब 700 विशेषज्ञ और 12 देशों के विदेश मंत्री शामिल हो रहे हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
रायसीना डायलॉग 2020।
मुख्य बातें
  • मंगलवार से शुरू हो रहा रायसीना डायलॉग 2020, इस समारोह में शामिल होंगे 700 विशेषज्ञ
  • समारोह में 12 देशों के विदेश मंत्री कर रहे शिरकत, दुनिया में भारत का बढ़ा दबदबा
  • ईरान के विदेश मंत्री जावेद जारिफ भी समारोह में ले रहे हिस्सा, पीएम से करेंगे मुलाकात

नई दिल्ली : दिल्ली में रायसीना डायलॉग-2020 मंगलवार से शुरू हो रहा है। कूटनीति का महाकुंभ कहे जाने वाले इस डायलॉग में 100 देशों के करीब 700 से ज्यादा विशेषज्ञ और राजनयिक शामिल होंगे। पहली बार इस समारोह में 12 देशों के विदेश मंत्री हिस्सा ले रहे हैं। इस बार रायसीना डायलॉग के तहत वैश्वीकरण, साल 2030 का एजेंडा, तकनीकी का महत्व, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद पर चर्चा की जाएगी और इन चुनौतियों से निपटने लिए सुझाव पेश किए जाएंगे। तीन दिनों तक चलने वाले इस समारोह में करीब 80 सत्रों का आयोजन होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समारोह का उद्घाटन करेंगे।  

क्या है रायसीना डायलॉग
रायसीना डायलॉग का आयोजन वर्ष 2016 से हो रहा है। इसका आयोजन विदेश मंत्रालय एवं थिंक टैंक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) की ओर से किया जाता है। प्रत्येक साल आयोजित होने वाले इस बहुपक्षीय सम्मेलन में दुनिया के ज्वलंत मुद्दों एवं चुनौतियों पर चर्चा की जाती है और उनका समाधान ढूंढने के सुझाव पेश किए जाते हैं। रायसीना डायलॉग का यह 5वां संस्करण है। इस समारोह में राजनयिक, विशेषज्ञ, नीति, कारोबार, मीडिया और सिविल सोशायटी के लोग शामिल होते हैं। रायसीना डायलॉग कूटनीतिक दुनिया में भारत के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।

विदेश मंत्रियों से मिलेंगे एस जयशंकर
तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री, सांसद, विदेश सचिव विजय गोखले, विदेश मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव टीएस त्रिमूर्ति और दुनिया भर के शीर्ष विशेषज्ञ विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रखेंगे। समारोह से इतर विदेश मंत्री एस जयशंकर अन्य देशों के अपने समकक्षों के साथ मुलाकात भी करेंगे। समझा जाता है कि यह सम्मेलन आने वाले सालों में दुनिया के समक्ष भारत के एजेंडे को आकार देगा।

12 देशों के विदेश मंत्री हो रहे शामिल
समारोह में 100 देशों के 700 विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं और इनमें सबसे ज्यादा संख्या अफ्रीका से है। अफ्रीका से 80 लोगों का शिष्टमंडल इस कार्यक्रम में भाग ले रहा है। समारोह में 40 प्रतिशत महिला प्रतिभागी हैं जो विभिन्न विषयों पर अपनी बात रखेंगी। कार्यक्रम में 12 देशों रूस, ईरान, ऑस्ट्रेलिया, मालदीव, दक्षिण अफ्रीका, एस्टोनिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, हंगरी, लतविया, उज्बेकिस्तान और यूरोपीय संघ के विदेश मंत्री शामिल हो रहे हैं।

ईरान के विदेश मंत्री की अहम भागीदारी
ईरान के विदेश मंत्री जावेद जारिफ भी इस समारोह में शामिल हो रहे हैं। जारिफ का कार्यक्रम में हिस्सा लेना काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद अमेरिका के साथ तनावपूर्ण चल रहे रिश्ते के बीच उनकी भारत यात्रा हो रही है। इस कार्यक्रम में वह अमेरिका के साथ चल रहे टकराव पर अपनी बात रख सकते हैं। अपनी यात्रा के दौरान जारिफ पीएम मोदी से भी मुलाकात कर सकते हैं। 

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