- कपिल सिब्बल कोई कांग्रेस संस्कृति के व्यक्ति नहीं हैं: गहलोत
- सिब्बल ने गांधी परिवार को नेतृत्व छोड़ने की सलाह दी
- बयान के बाद सिब्बल कई कांग्रेस नेताओं के निशाने पर आए
उत्तर प्रदेश, पंजाब समेत 5 राज्यों में करारी हार के बाद कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। एक बार फिर कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठ रहे हैं। एक इंटरव्यू में पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा है कि गांधी परिवार को कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व से अलग होना चाहिए और किसी अन्य को मौका देना चाहिए। इस बयान के बाद वो कई कांग्रेस नेताओं के निशाने पर आ गए हैं।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कपिल सिब्बल जी कांग्रेस संस्कृति के व्यक्ति नहीं हैं। वे बहुत बड़े वकील हैं। कांग्रेस में उनकी एंट्री हो गई। सोनिया गांधी के आशीर्वाद और राहुल गांधी के सहयोग से उनको केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिली। उनके मुंह से ऐसे अल्फाज निकलना दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस की एबीसी को नहीं जानने वाले व्यक्ति से इस तरह के बयान देने की उम्मीद नहीं की जाती है। गहलोत ने कहा कि अगर कांग्रेस को एकजुट रखना है, तो वह गांधी परिवार के नेतृत्व में ही एकजुट रह सकती है। उनके प्रति यह विश्वास, यह क्रेडिबिलिटी बनी हुई है, इसलिए आज हर कांग्रेसजन उनके साथ है। गांधी परिवार का कोई व्यक्ति पिछले 30 साल में न तो मंत्री, न मुख्यमंत्री, न प्रधानमंत्री बना है। कपिल सिब्बल के दिमाग में ये बातें क्यों आती हैं? इस प्रकार क्यों वो फ्रस्ट्रेशन में बात करते हैं, मेरी समझ के परे है।
इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि ऐसे नेताओं को पार्टी के मौजूदा नेतृत्व के खिलाफ रोजाना बयानबाजी करने की बजाय अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ना चाहिए। खेड़ा ने कहा कि कपिल सिब्बल, डॉक्टर हर्षवर्धन (भाजपा नेता) ने आपसे नहीं कहा था कि चांदनी चौक से अलग हो जाइए। वह चुनाव लड़े और आपको पराजित किया। जो लोग कांग्रेस का नेतृत्व करना चाहते हैं वह मौजूदा नेतृत्व के खिलाफ रोजाना बोलने की बजाय पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने कहा कि गांधी परिवार कांग्रेस की प्राणवायु है। गांधी परिवार ने अपने संघर्ष और खून-पसीने से इस देश को बनाया है और नैतिक मूल्यों को बढ़ाया है...कांग्रेस का हर कार्यकर्ता गांधी परिवार के नेतृत्व में अपने आप को मजबूत पाता है।
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