- राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से जारी है सियासी संकट, मामला कोर्ट तक पहुंचा
- राज्यपाल का कहना है कि सत्र के लिए सीएम को 21 दिन पहले नोटिस देना चाहिए
- सत्र बलाने की मांग वाली फाइल दो बार लौटा चुके हैं राज्यपाल कलराज मिश्र
जयपुर : राजस्थान का सियासी संकट सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है लेकिन अभी इस संकट का समाधान निकलता नहीं दिख रहा है। विधानसभा सत्र बुलाने पर अड़े राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राज्यपाल कलराज मिश्र से थोड़ी राहत मिली है लेकिन राज्यपाल ने सत्र बुलाने को लेकर शर्तें जोड़ दी हैं। उन्होंने कहा है कि सत्र तभी बुलाया जा सकता है जब राज्य सरकार 21 दिन पहले नोटिस दे। गहलोत कैबिनेट की ओर से सत्र बुलाए जाने की अनुशंसा को लौटाते हुए राज्यपाल ने तीन सुझाव दिए हैं।
सत्र के लिए 21 दिन पहले नोटिस दें मुख्यमंत्री
राज्यपाल का कहना है कि कैबिनेट अगर इन सुझावों के साथ नया प्रस्ताव लाती है तो वह सत्र बुलाने की अनुमति दे सकते हैं। राज्यपाल ने यह भी कहा है कि सत्र के दौरान यदि फ्लोर टेस्ट की स्थिति आती है तो उस दशा में राज्य सरकार को इस कार्यवाही का लाइव प्रसारण भी करना चाहिए। यह दूसरी बार है जब राज्यपाल ने सत्र बुलाने की कैबिनेट की सिफारिश को लौटाया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल के रवैये से नाखुशी जाहिर करते हुए इसके बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिकायत की है। गहलोत ने सोमवार को कहा, 'मैंने पीएम मोदी से कल बात की और उन्हें राज्यपाल के रवैये के बारे में बताया। मैंने पीएम को राज्यपाल को एक सप्ताह लिखे गए पत्र के बारे में भी जानकारी दी।'
सत्र बुलाने की वजह स्पष्ट करे कैबिनेट
राज्यपाल की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि यदि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना है तो राज्य सरकार को इस पर साफ रुख अपनाना चाहिए। राजभवन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि गहलोत सरकार एक ओर यह कहत है कि सत्र खास वजह से बुलाई जा रही है और मीडिया से कहती है कि सत्र में फ्लोर टेस्ट कराया जाएगा। राजभवन का कहना है कि मुख्यमंत्री सत्र किसलिए बुलाना चाहते हैं इस बारे में उन्हें स्पष्ट करना चाहिए।
स्पीकर सीपी जोशी ने वापस ली है अपनी अर्जी
सोमवार को एक नाटकीय घटनाक्रम में राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी अर्जी वापस ले ली। इस अर्जी में जोशी ने अयोग्यता नोटिस मामले में राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने सचिन पायलट सहित बागी विधायकों पर अयोग्यता मामले में किसी तरह की कार्रवाई पर रोक लगाई है। वहीं, जोशी का कहना है कि इस मामले में उनकी तरफ से एक नई याचिका दाखिल की जाएगी। राजस्थान हाई कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों की अर्जी खारिज कर दी है। भाजपा विधायकों ने अपनी याचिका में कांग्रेस में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के छह विधायकों के विलय को चुनौती दी है।