- राजस्थान के स्पीकर सीपी जोशी की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में आज होगी अहम सुनवाई
- विधानसभा स्पीकर ने राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश को शीर्ष अदालत में दी है चुनौती
- हाई कोर्ट ने अयोग्यता नोटिस मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है
नई दिल्ली : राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी की विशेष अवकाश याचिक (एसएलपी) पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को फिर सुनवाई हुई। नाटकीय घटनाक्रम में स्पीकर जोशी ने अपनी अर्जी वापस ले ली है। राजस्थान हाई कोर्ट ने सचिन पायलट और 18 बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता कार्यवाही आगे बढ़ाने पर 24 जुलाई तक रोक लगा दी थी, हाई कोर्ट के इस आदेश को चुनौती देते हुए स्पीकर ने गत बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। स्पीकर का दावा है कि इस मामले में अभी कोर्ट को दखल नहीं देना चाहिए। इस मामले की पहली बार सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया लेकिन इतना जरूर कहा कि हाई कोर्ट से पारित होने वाले आदेश की वह समीक्षा करेगा। मामले में हाई कोर्ट ने शुक्रवार को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया।
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'गवर्नर के रवैये के बारे में पीएम मोदी को बताया है'
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि उन्होंने राज्यपाल कलराज मिश्र के व्यवहार के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सूचित किया है। उन्होंने कहा, 'मैंने रविवार को पीएम मोदी से बात की और उनके राज्यपाल के रवैये के बारे में जानकारी दी। मैंने राज्यपाल को एक सप्ताह पहले जो पत्र लिखा है उसके बारे में पीएम को अवगत कराया।' गहलोत ने फेयरमॉन्ट होटल से निकलते समय यह बात कही।
भाजपा की अर्जी खारिज
राजस्थान हाई कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अर्जी खारिज कर दी है। भाजपा ने अपनी याचिका में राज्य में कांग्रेस के साथ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के छह विधायकों के विलय को चुनौती दी है। वहीं, बसपा ने इस विलय के खिलाफ अपने विधायकों को ह्विप जारी किया है। इस विलय पर सवाल उठाते हुए बसपा ने अपने विधायकों को राज्य में अविश्वास प्रस्ताव आने पर कांग्रेस के खिलाफ मतदान करने के लिए कहा है।
स्पीकर ने वापस ली अपनी अर्जी
राजस्थान के विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी अर्जी वापस ले ली है। इस अर्जी में अयोग्यता नोटिस पर कार्रवाई करने से रोक लगाने वाले हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है। जाहिर है कि स्पीकर के आदेश पर हाई कोर्ट का फैसला अभी कायम रहेगा। स्पीकर का पक्ष रखने वाले कांग्रेस के नेता एवं वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने शीर्ष अदालत से कहा कि गत 24 जुलाई को राजस्थान हाई कोर्ट ने नया आदेश पारित किया है और इससे 10वीं अनुसूची सहित कई मुद्दे उठ खड़े हुए हैं। सिब्बल ने कहा है कि वे इस पर कानूनी सलाह लेंगे। कांग्रेस नेता ने कोर्ट को बताया कि हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी जा सकती है।
हाई कोर्ट या राज्यपाल दखल दें : पूनिया
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की ओर से अपने छह विधायकों ह्विप जारी किए जाने के बाद राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्रतिक्रिया दी है। पूनिया ने कहा कि राजस्थान में एक संवैधानिक एवं कानूनी स्थिति पैदा हो गई है। या तो इस मामले में फैसला हाई कोर्ट करे या राज्यपाल दखल दें।
राजभवन ने फाइल लौटाई
राजस्थान में राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच टकराव और बढ़ सकता है। राजभवन ने विधानसभा सत्र बुलाने से संबंधित फाइल राज्य के संसदीय मामलों के विभाग को लौटा दी है। राजभवन ने सत्र बुलाए जाने को लेकर राज्य सरकार से कुछ अतिरिक्त जानकारी मांगी है। सूत्रों का कहना है कि विधानसभा सत्र बुलाए जाने को लेकर अभी कोई फैसला राज्यपाल की तरफ से नहीं हुआ है।
होटल में आज कांग्रेस की बैठक
राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के चीफ ह्विप महेश जोशी का कहना है कि पार्टी के देशव्यापी ऑलाइन अभियान 'स्पीक अप फॉर डेमोक्रेसी' की लॉन्चिंग से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक बैठक करेंगे। यह बैठक होटल फेयरमॉन्ट में सुबह 11 बजे होगी और इस बैठक में राज्य के कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे भी मौजूद रहेंगे। गहलोत ने अपने एक ट्वीट के जरिए इस अभियान की जानकारी दी है। उन्होंने कहा, 'लोकतंत्र खतरे में है और इसे देखकर पूरा देश चिंतित है।'
राज्यपालों के आवास के बाहर प्रदर्शन करेगी कांग्रेस
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने रविवार को कहा कि कांग्रेस राजस्थान को छोड़कर सभी राज्यों में 27 जुलाई को राज्यपाल के आवास के बाहर प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा कि विधानसभा का सत्र बुलाए जाने के लिए कैबिनेट ने राज्यपाल कलराज मिश्र के पास नए सिरे से प्रस्ताव भेजा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें राज्यपाल से सत्र बुलाने की अनुमति मिलने की उम्मीद है।
'नया भारत' सत्य के साथ खड़ा होता है : शेखावत
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने रविवारको कहा कि 'नया भारत' सत्य के साथ खड़ा होता है और वह समय बीच चुका है जब कांग्रेस 'अपनी बातों से लोगों को गुमराह कर दिया करती थी।' बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा का सत्र बुलाना चाहते हैं लेकिन राज्यपाल ने इसकी अनुमति नहीं दी है जिसके बाद राज्यपाल कलराज मिश्र और सीएम गहलोत के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। राज्यपाल के सचिवालय का कहना है कि सीएम बहुत जल्दी विधानसभा का सत्र बुलाना चाहते हैं। इस पर कानूनी विशेषज्ञों की राय ली गई है।