- पहले मंत्री पद से मुक्त होना चाहते थे अशोक चांदना
- अफसरशाही को लेकर ट्वीट कर जताई थी नाराजगी
- सीएम गहलोत से मिलने के बाद के बाद बदले चांदना के सुर
जयपुर: राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बागी तेवर दिखाने वाले अशोक चांदना के सुर अब बदल गए हैं। गहलोत सरकार में खेल मंत्री चांदना ने 24 घंटे बाद ही यू-टर्न ले लिया। सीएम से मुलाकात के बाद चांदना ने एक ट्वीट किया इसमें उन्होंने लिखा, 'माननीय मुख्यमंत्री जी से सभी विषयों पर सार्थक एवं लंबी चर्चा हुई। वे राजस्थान कांग्रेस परिवार के अभिभावक हैं, जो निर्णय करेंगे वो सही करेंगे। बीजेपी अपना घर देखे, कांग्रेस परिवार मिशन 2023 के लिए एकजुट और लामबंद है।'
एक ट्वीट ने मचा दी थी खलबली
इससे पहले गुरुवार देर रात अशोक चांदना ने एक ट्वीट में इस्तीफा देने की बात कही थी और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका पर दखलंदाजी का आरोप भी लगाया था। चांदना ने ट्वीट करते हुए कहा था, 'माननीय मुख्यमंत्री जी मेरा आपसे व्यक्तिगत अनुरोध है की मुझे इस ज़लालत भरे मंत्री पद से मुक्त कर मेरे सभी विभागों का चार्ज श्री कुलदीप रांका जी को दे दिया जाए, क्योंकि वैसे भी वो ही सभी विभागों के मंत्री है।' उनके इस ट्वीट से सियासी खलबली मच गई थी। हालांकि सीएम गहलोत ने चांदना का बचाव करते हुए कहा था कि उनकी टिप्पणी को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए क्योंकि हो सकता है कि मंत्री ने किसी प्रकार के तनाव के चलते ऐसी बात कह दी हो।
कई विधायक और मंत्री हैं नाराज!
आपको बता दें कि राजस्थान में किसी कांग्रेस विधायक की अपनी सरकार से नाराजगी का ये कोई पहला मामला नहीं है। अशोक चांदना से पहले भी सरकार को समर्थन दे रहे कई विधायक और एक मंत्री भी अफसरशाही के खिलाफ खुलेआम विरोध दर्ज करा चुके हैं। इसके अलावा प्रदेश में गहलोत गुट और पायलट गुट की खींचतान से भी सभी वाकिफ हैं। पिछले हफ्ते ही सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायक और युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश घोघरा ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री गहलोत को भेजा। विधायक ने अपने खिलाफ डूंगरपुर जिले में हंगामा करने का मामला दर्ज होने के बाद यह कदम उठाया।