- राजनाथ सिंह ने कहा कि नए कृषि कानून किसानों की आय बढ़ाने वाले साबित होंगे
- उन्होंने कहा कि सकारात्मक नतीजे देखने के लिए हमें कुछ समय इंतजार करना होगा
- दिग्गज बीजेपी नेता विपक्षी दलों पर किसानों को गुमराह करने का आरोप भी लगाया
नई दिल्ली : केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किसानों को आश्वस्त किया कि उनकी जमीन कोई नहीं ले सकता और नए कृषि कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को भी किसी तरह का खतरा नहीं है। बीजेपी के दिग्गज नेता ने विपक्ष पर नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों को गुमराह करने का आरोप भी लगाया और कहा कि ऐसी कोशिशें सफल नहीं होंगी।
राजनाथ सिंह रविवार को हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार के तीन साल पूरे होने के आवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यहां के लोगों से संवाद कर रहे थे, जब उन्होंने कहा कि केंद्र में कांग्रेस नीत यूपीए की सरकार के कार्यकाल के दौरान हिमाचल प्रदेश को जहां केवल 22,000 करोड़ रुपये मिले, वहीं मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद राज्य को तीन गुनी अधिक राशि दी गई, ताकि यहां विकास कार्यों को रफ्तार मिल सके।
राजनाथ सिंह का किसानों को आश्वासन
इसी दौरान रक्षा मंत्री ने कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन को लेकर भी अपनी बात रखी और नए कृषि कानून किसानों की आय बढ़ाने वाले साबित होंगे। उन्होंने कहा कि जब कभी कभी सुधार लागू किए जाते हैं, तब इसके सकारत्मक परिणाम दिखने शुरू होने में कुछ साल लग जाते हैं। इसके लिए उन्होंने 1991 में कांग्रेस सरकार में वित्त मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा लागू किए गए आर्थिक सुधारों का भी हवाला दिया और कहा कि चाहे ये सुधार हो या वापजेयी सरकार के दौरान लाए गए अन्य सुधार हों, उनके सकारात्मक परिणाम दिखने में चार-पांच साल लग गए।
रक्षा मंत्री ने कहा, 'इसी तरह, नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा किए गए कृषि सुधारों के सकारात्मक परिणाम देखने के लिए भी हमें कुछ वक्त तक इंतजार करना होगा। यदि हम चार-पांच साल इंतजार नहीं कर सकते तो हम कम से कम दो साल तो इंतजार कर ही सकते हैं।' उन्होंने कहा, 'ये दुष्प्रचार किया गया कि किसानों की जमीन कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के माध्यम से छीन ली जाएगी, लेकिन कोई भी मां का लाल किसानों से उनकी जमीन नहीं छीन सकता। ये मुकम्मल व्यवस्था कृषि कानूनों में की गई है। उन्होंने कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों पर कृषि कानूनों को लेकर किसानों को गुमराह करने का आरोप भी लगाया।'
केंद्रीय मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है, जबकि नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान पिछले करीब एक महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं और इसे लेकर विपक्ष लगातार सरकार के खिलाफ हमलावर है। गतिरोध को दूर करने के लिए किसानों ने 29 दिसंबर को एक बार फिर सरकार के साथ बातचीत का प्रस्ताव भी रखा है। वहीं 30 दिसंबर को उन्होंने ट्रैक्टर मार्च निकालने का ऐलान कर अपनी मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन तेज करने के संकेत भी दे दिए हैं।