- अपने दो दिन के दौरे पर जम्मू कश्मीर पहुंचे हैं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
- बारामूला में सैन्य अधिकारियों एवं जवानों के साथ लंच किया
- गलवान घाटी में शहादत देने वाले सेना के वीर जवानों को याद किया
Rajnath Singh news: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को अपनी दो दिनों की यात्रा पर केंद्रशासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर पहुंचे। बारामूला में उन्होंने सेना के अधिकारियों के साथ लंच किया। इस मौके पर रक्षा मंत्री ने दो साल पहले 2020 में गलवान घाटी की झड़प में शहीद हुए सैनिकों को याद करते हुए कि जवानों को बलिदान देश कभी भूलेगा नहीं। सिंह ने अपने एक ट्वीट में कहा कि आज उन बहादुर जवानों की शहादत को वह याद कर रहे हैं जिन्होंने 15-16 जून 2020 की दरम्यानी रात सीमा की सुरक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए। देश उनके पराक्रम, शौर्य एवं सर्वोच्च बलिदान को कभी भूलेगा नहीं। रक्षा मंत्री ने कहा, 'मैं उन बहादुरों को श्रद्धांजलि देता हूं।'
दो साल पहले गलवान घाटी में हुआ संघर्ष
बता दें कि करीब 45 सालों के बाद 15 जून 2020 को लद्दाख के गलवान घाटी में सीमा को लेकर भारत और चीनी सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ। इस हिंसक झड़प में भारत की तरफ से करीब 20 जवान शहीद हुए। इस संघर्ष में चीन के भी सैनिक हताहत हुए लेकिन बीजिंग ने कभी आधिकारिक रूप से मारे गए अपने सैनिकों की संख्या नहीं बताई। कई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों में यह कहा गया कि इस संघर्ष में चीन के करीब 40 सैनिक हताहत हुए। इस खूनी संघर्ष के बाद दोनों देशों के रिश्ते काफी तल्ख हो गए। दोनों देश टकराव के रास्ते पर बढ़ने लगे। पूरे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और इसके आस-पास सैन्य गतिविधियां तेज हो गईं। चीन के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए भारत ने एलएसी के अग्रिम मोर्चों पर अपने सैनिकों की तादाद बढ़ा दी।
सीमा पर अभी खत्म नहीं हुआ है गतिरोध
रिश्तों में आई तल्खी और सीमा पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के सेना के शीर्ष अधिकारियों के बीच बातचीत होती रही। इस बातचीत का नतीजा यह रहा कि लद्दाख के कई गतरिध वाले स्थानों से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटीं। हालांकि पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग एवं फिंगर वाले इलाके में गतिरोध पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। कई प्वाइंट्स पर चीनी सैनिक मौजूद हैं जिनकी मौजूदगी का भारत विरोध कर रहा है। गलवान संघर्ष के बारे में भारत की तरफ से कहा गया कि चीन की तरफ से एलएसी पर यथास्थिति का बदलाव करने की एकतरफा कोशिश हुई जिसका भारतीय सैनिकों ने विरोध किया। भारत ने साफ कर दिया है कि सीमा पर जब तक गतिरोध कायम करेगा, दोनों देशों के रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते।
केंद्र शासित प्रदेश के दौरे पर आए राजनाथ सिंह 17 जून को जम्मू में महाराजा गुलाब सिंह जी के 'राज्याभिषेक समारोह' की 200वीं वर्षगांठ में भी शामिल होंगे। राजनाथ सिंह ने बुधवार को ट्विटर पर बताया कि वह 16 एवं 17 जून को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर रहेंगे।