- राज्यसभा में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का बयान- भारत का मस्तक झुकने नहीं देंगे।
- चीन को साफ संदेश. जरूरत पड़ने पर कड़े से कड़ा कदम उठाने से नहीं हिचकेंगे
- सदन से अपील, ऑपरेशन तैयारियां संवेदनशील लिहाजा सदस्य इस विषय में ना पूछें सवाल
नई दिल्ली। भारत चीन तनाव की पृष्ठभूमि के साथ साथ पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर मौजूदा तस्वीर के बारे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राज्यसभा में बयान दिया। उन्होंने कहा कि सरकार किसी की कीमत पर देश की संप्रभुता को बहाल रखेगी। उन्होंने कहा कि वो देश को स्पष्ट तौर पर बताना चाहते हैं कि अगर जरूरत पड़ी तो कड़े से कड़ा कदम उठाने में भी सरकार नहीं हिचकेगी।एलएसी पर गश्त के बारे में राजनाथ सिंह ने कहा कि ए के एंटनी जो सवाल पूछते हैं उसका जवाब यह है कि स्टेट्स को मेंटेंन करने के दौरान ही झड़प हुई है। इसी वजह से तनाव भी बढ़ा है। कोई भी ताकत भारतीय फौज को गश्त करने से नहीं रोक सकती है।
राज्यसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने कहा कि वर्तमान स्थिति में, ऑपरेशनल मुद्दे संवेदनशील हैं जिनके बारे में वो विस्तार से जानकारी नहीं दे सकते हैं। मुझे उम्मीद है कि सदन मामले की संवेदनशीलता को समझेगा।इस वर्ष की स्थिति में शामिल सैनिकों और नहीं के पैमाने के संदर्भ में दोनों बहुत अलग हैं। हम वर्तमान स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं। उसी समय, हम सभी आकस्मिकताओं से निपटने के लिए तैयार रहते हैं।
सीमा उल्लंघन भारत की तरफ से नहीं
उन्होंने कहा कि हमारे सशस्त्र बल इसका पूरी तरह से पालन करते हैं, यह चीनी पक्ष द्वारा पारस्परिक नहीं किया गया है।चीनी कार्रवाई हमारे विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों की अवहेलना है। चीन द्वारा सैनिकों का सम्मिलन 1993 और 1996 के समझौतों के खिलाफ होता है। वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान और कड़ाई से पालन करना सीमा क्षेत्रों में शांति और शांति का आधार है।
चीन ने नियम कानून को तोड़ा
इससे पहले वो लोकसभा में बता चुके हैं कि जिस तरह से 1962 में चीन ने आपसी विश्वास और समझौतों को नकारा ठीक वैसे ही उसका रवैया 2020 में भी दिखाई दे रहा है। लेकिन भारतीय फौज पूरी तरह तैयार है। सैनिकों का मनोबल ऊंचा है और सरकार की पूरी कोशिश है कि मामला शांतिपूर्ण तरह से निपटे। ऐसा न होने पर आगे के लिए सभी विकल्प खुले हुए हैं।