- पाकिस्तान ने अरब सागर में अब भारतीय मछुआरों को बनाया निशाना
- पाकिस्तानी समुद्री सुरक्षा एजेंसी 8 बोट में सवार सभी 48 मछुआरों को अपने साथ ले गई
पोरबंदर, गुजरात: पाकिस्तान ने एक बार फिर भड़काऊ हरकत की है। इस बार उसने इसके लिए समुद्री मार्ग चुना है। पाकिस्तान की समुद्री सुरक्षा एजेंसी (PMSA) ने बुधवार को 48 मछुआरों को अगवा कर लिया है। ये मछुआरे अरब सागर में समुद्री अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (IMBL) के पास मछली पकड़ रहे थे। पाकिस्तान की समुद्री सुरक्षा एजेंसी इस दौरान 8 नावें भी अपने साथ ले गई है। मुछआरों के संघ के नेता ने कहा कि जिस इलाके में इन मछुआरों को अगवा किया गया है वो भारत और पाकिस्तान के क्षेत्रीय जल को विभाजित करत है।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, पोरबंदर के लोधारी ने कहा कि जिन आठ मछली पकड़ने नावों को पाकिस्तानी तट रक्षक ने पकड़ा है, उनमें से छह पोरबंदर में और दो वेरावल में पंजीकृत हैं। उन्होंने कहा, 'इस मछली पकड़ने के मौसम में पाकिस्तान द्वारा भारतीय मछली पकड़ने वाली नौकाओं को जब्त करने का यह पहला मामला है।' हालांकि इस साल 1 अगस्त को मछली पकड़ने का मौसम शुरू हुआ था, लेकिन समुद्र में ख़राब मौसम की वजह से यह शुरू नहीं हो सका।
पोरबंदर जिला मछुआरा संघ महामंडल के सचिव जादवजी पोस्टरिया ने भी कहा कि उन्हें भी इसी तरह के संदेश मिले हैं। उन्होंने कहा, 'लेकिन हम नावों और मछुआरों के नाम नहीं जानते हैं।' मछुआरों के कल्याण के लिए काम करने वाली संस्था सागर पार्टी की पोरबंदर जिला इकाई के अध्यक्ष जीवन जंगी ने कहा, 'कम से कम एक मछली पकड़ने वाले ट्रॉलर को निश्चित रूप से पकड़ लिया गया है। कई बार, पीएमएसए ने अपने क्षेत्रीय जल के कथित उल्लंघन के लिए ट्रॉलर के एक समूह को पकड़ा लेकिन फिर उनमें से कुछ को छोड़ दिया। पाकिस्तानी मछुआरा समुदाय के नेता भी दूसरे देश के क्षेत्रीय जल के अनजाने उल्लंघन के मामलों में गिरफ्तार नहीं करने की नीति की मांग कर रहे हैं।'
गुजरात सरकार के मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वे भी मामले की पुष्टि का इंतजार कर रहे है। मत्स्य पालन के उप निदेशक केआर पटानी ने कहा 'हमें मीडिया के माध्यम से पता चला है कि कुछ मछुआरों और उनकी नौकाओं को पकड़ लिया गया है। हमने भारतीय नौसेना से संपर्क साधा है लेकिन अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है। आम तौर पर ऐसी घटनाओं के बारे में विश्वसनीय जानकारी प्राप्त करने में उन्हें एक दिन का समय लगता है।'