नोएडा: केंद्र पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए भारतीय किसान किसान (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने कृषि मुद्दों पर देशभर में 'विश्वासघात दिवस' मनाने की घोषणा की है। भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता टिकैत ने दावा किया कि 9 दिसंबर को सरकार द्वारा किए गए वादों के पत्र के आधार पर दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से अधिक समय से चल रहे विरोध को वापस ले लिया गया था, लेकिन वे वादे अधूरे रह गए हैं।
राकेश टिकैत ने एक ट्वीट में कहा कि सरकार द्वारा किसानों से वादाखिलाफी के खिलाफ कल 31 जनवरी को देशव्यापी "विश्वासघात दिवस" मनाया जाएगा। सरकार के 9 दिसंबर के जिस पत्र के आधार पर आन्दोलन स्थगित किया गया था, सरकार ने उनमें से कोई वादा पूरा नहीं किया है!
भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र द्वारा पेश किए गए तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की मुख्य मांगों को लेकर नवंबर 2020 में किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ था। एक साल से अधिक समय से सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसानों ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी की भी मांग की थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2021 में घोषणा की थी कि विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस ले लिया जाएगा। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने दिसंबर में दिल्ली की सीमाओं को खाली कर दिया। किसानों को एमएसपी समेत अन्य मुद्दों को भी हल करने का आश्वासन दिया गया था।
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