- एमएसपी पर सरकार के आश्वासन के बाद किसान आंदोलन हुआ वापस
- टिकैत ने किसानों से गाजीपुर बॉर्डर से सिसौली तक मार्च निकालने के लिए कहा है
- अपने पोस्टर में टिकैत ने कहा है कि गाजीपुर से सुबह 9 बजे किसान लौटने लगेंगे
नई दिल्ली : करीब एक साल तक चले किसान आंदोलन आज पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा। दिल्ली की सीमाओं पर जो भी प्रदर्शनकारी मौजूद हैं, वे पूरी तरह से अपने घर वापस लौट जाएंगे। किसान आंदोलन का एक बड़ा केंद्र गाजीपुर बॉर्डर रहा है। यहां से भी किसानों की पूरी तरह से 'घर वापसी' हो जाएगी। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने एक पोस्टर जारी किया है। इस पोस्टर में उन्होंने कहा है कि 15 दिसंबर की सुबह 9 बजे किसान गाजीपुर बॉर्डर छोड़ने लगेंगे। किसान नेता ने कहा है कि इस दिन गाजीपुर बॉर्डर से सिसौली तक 'फेतह' मार्च निकाला जाएगा। इस मार्च का स्वागत करने के लिए सिसौली में तैयारी की गई है।
जींद रैली में बोले टिकैत
हरियाणा के जींत में मंगलवार को एक रैली को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि किसानों एवं श्रमिकों में बडी से बड़ी ताकत को घुटने के बल झुकाने की शक्ति होती है और इसके साथ ही उन्होंने हालिया समाप्त आंदोलन को जहन में याद रखने के लिये अपने घरों में एक-एक पेड़ लगाने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘किसानों ने आंदोलन के माध्यम से अपनी ताकत को दिखा दिया है। ऐसे में आने वाले समय में भी कोई सरकार अब किसानों के खिलाफ इस प्रकार का षड्यंत्र नहीं कर पाएगी।’ उन्होंने किसानों से आंदोलन की याद को जिंदा रखने के लिए अपने-अपने घरों में आंदोलन के नाम का एक-एक पेड़ लगाने की अपील की।
सिंघु बॉर्डर खाली कर चुके हैं किसान
इससे पहले दिल्ली-हरियाणा सीमा पर एक साल से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे किसान अपने टेंट और अन्य साजो-सामान को समेटकर शनिवार को ट्रैक्टर ट्रॉलियों और अन्य वाहनों में सवार होकर नाचते- गाते अपने घरों की ओर रवाना हुए। पड़ोसी राज्यों में पहुंचने पर उनका माला पहनाकर तथा मिठाइयां खिलाकर जोरदार स्वागत किया गया।
कृषि बिल के खिलाफ किसान आंदोलन ने देखे कई रंग, 11 दिसंबर को सुखद अंत
किसानों के घर लौटने के क्रम में शनिवार को फूलों से लदी ट्रैक्टर ट्रॉलियों के काफिले 'विजय गीत' बजाते हुए सिंघू धरना स्थल से बाहर निकले। संसद में 29 नवम्बर को इन कानूनों को निरस्त करने तथा बाद में एमएसपी पर कानूनी गारंटी के लिए एक पैनल गठित करने सहित विभिन्न मांगों के सरकार द्वारा मान लिए जाने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने बृहस्पतिवार को विरोध प्रदर्शन स्थगित करने की घोषणा की थी।