नई दिल्ली : अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस दिशा में प्रयास तेज हो गए हैं। मंदिर निर्माण के लिए शीर्ष अदालत के आदेश पर केंद्र सरकार ने जिस श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया है, उसकी बुधवार को पहली बैठक दिल्ली में हुई। इसमें महंत नृत्य गोपाल दास को ट्रस्ट का अध्यक्ष तो विश्व हिंदू परिषद के चंपत राय को महासचिव चुना गया। ट्रस्ट की अगली बैठक अब अयोध्या में होगी, जिसमें इसका फैसला लिया जा सकता है कि मंदिर निर्माण का कार्य किस तारीख से शुरू होगा।
ट्रस्ट की पहली बैठक में लिए गए अहम फैसले
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक में कई अहम फैसले लिए गए, जिसमें तय हुआ कि महंत नृत्य गोपाल दास ट्रस्ट के अध्यक्ष, चंपत राय महासचिव और स्वामी गोविंद देव गिरी कोषाध्यक्ष रहेंगे। इस बैठक में भवन निर्माण समिति बनाने का निर्णय भी लिया गया, जिसके अध्यक्ष के तौर पर नृपेंद्र मिश्र को चुना गया। वरिष्ठ नौकरशाह नृपेंद्र मिश्र, प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव रह चुके हैं। बैठक में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अयोध्या शाखा में ट्रस्ट का खाता खोलने का फैसला भी लिया गया।
कोषाध्यक्ष को मिला 5 लाख रुपये का चेक
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक में कोषाध्यक्ष चुने गए गोविंद गिरी जी महाराज को प्रसन्ना तीर्थ के पेजावर स्वामी ने 5 लाख रुपये का पहला चेक दिया। इस दौरान ट्रस्ट के अध्यक्ष चुने गए महंत नृत्य गोपाल ने कहा कि मंदिर निर्माण का कार्य जल्द शुरू किया जाएगा, जिससे करोड़ों लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं। बैठक में शामिल विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहा कि ट्रस्ट की पहली बैठक सैकड़ों वर्षों की ऐतिहासिक भूलों का सुधार है। यह एक नई शुरुआत है।
अगले 15 दिनों में होगी दूसरी अहम बैठक
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की दिल्ली में हुई इस पहली बैठक के बाद अब अगली बैठक अयोध्या में होने वाली है, जहां मंदिर निर्माण कार्य शुरू करने की तारीखों पर फैसला लिया जा सकता है। ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष चुने गए स्वामी गोविंद गिरि ने कहा कि इसकी पहली बैठक विजय एकादशी के शुभ दिन पर हुई है। साथ ही आज (बुधवार, 19 फरवरी) छत्रपति शिवाजी महाराज और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के दूसरे सरसंघचालक गोलवरलकरजी का भी जन्मदिन है। 15 दिनों के भीतर ट्रस्ट की एक और बैठक अयोध्या में होगी, जिसमें मंदिर निर्माण किस तारीख से शुरू किया जाए, इस पर चर्चा की जाएगी।