- राम मंदिर के लिए खरीदी गई जमीन में घोटाले का आरोप लगाया है।
- आप नेता संजय सिंह ने कहा कि 2 करोड़ की जमान 18 करोड़ में खरीदी गई।
- उन्होंने कहा कि राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के इशारे पर लेन-देन किया गया।
अयोध्या राममंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन के कथित घोटाले पर कामेश्वर चौपाल के ट्रस्टी स्वामी गोविंददेव गिरी ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इन लोगों के मन में राम की भक्ति का भाव होता और मंदिर बनने के लिए सद्भावनाएं होतीं तो इनका कर्तव्य था कि आकर हमसे मिलते, पूछते और खुद कागज देखते और समाधान नहीं होता तो उसके बाद मीडिया में जाकर इन बातों को प्रसारित करते।
स्वामी गोविंददेव गिरी ने कहा कि तब हमें भी आपत्ति नहीं होती। कोई साधारण नैतिक आचार का भी पालन न करते हुए एकदम से अपप्रचार करना दिखाता है कि इन लोगों के मन में कुछ राजनीतिक भावनाएं हैं। जब कोई अधिकृत व्यक्ति हमसे पूछेगा तो हम पूरे प्रमाण उनको देंगे।
राममंदिर भूमि घोटाले पर राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के कोषाध्यक्ष ने कहा कि किसी प्रकार की वैधानिक अनियमितता नहीं दिखी। भूमि प्राप्त करने के सभी नियमों का पालन किया गया है। धन का आदान प्रदान केवल बैंक से बैंक द्वारा किया गया है। न्यास द्वारा भूमि का क्रय बाजार दर से भी कम दर पर किया गया है।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने राम मंदिर के लिए खरीदी गई जमीन में घोटाले का आरोप लगाया है। आप सांसद संजय सिंह का आरोप है कि राम मंदिर ट्रस्ट ने 2 करोड़ की जमीन 18.5 करोड़ में खरीदी थी। सिंह का दावा है कि राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के इशारे पर लेन-देन किया गया। उन्होंने इस मामले की सीबीआई और ईडी से जांच की मांग की है।