- जीतन राम मांझी ने भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया है।
- उन्होंने कहा कि राम भगवान नहीं हैं वह काल्पनिक व्यक्ति है।
- तुलसीदास-वाल्मीकि ने अपनी बातों को कहने के लिए अपने काव्य में इस कैरेक्टर को तैयार किया।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने जुमई में शुक्रवार को एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि , "राम भगवान नहीं थे। तुलसीदास-वाल्मीकि ने अपनी बातों को कहने के लिए इस चरित्र को तैयार किया। उन्होंने इस चरित्र के साथ 'काव्य' और 'महाकाव्य' बनाया। इसमें बहुत सारी अच्छी बातें बताई गई हैं। और हम उसका सम्मान करते हैं। मैं तुलसीदास-वाल्मीकि का सम्मान करता हूं लेकिन राम का नहीं। राम को हम नहीं मानते हैं।
जीतन राम मांझी का बयान ऐसे समय आया जब देशभर में कई स्थानों पर रामनवी पर शोभायात्रा के दौरान हिंसा और पथराव की घटना हुई। राम को लेकर लोग मरने मारने पर उतारू हैं। दूसरी ओर अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है।
उधर आज ही उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू अपनी पत्नी उषा नायडू के साथ अयोध्या पहुंचे और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच राम जन्मभूमि स्थल पर पूजा-अर्चना की। राम लला के दर्शन के समय आगंतुक पुस्तिका में उपराष्ट्रपति ने लिखा कि पत्नी एवं परिवार के सदस्यों के साथ श्रीराम लला जी के दर्शन करने से मेरा जीवन धन्य हो गया। भगवान राम सदियों से उच्च संस्कारों, भारत की विरासत, संस्कृति, मानव परंपराओं को मर्यादा के साथ आगे बढ़ाने के लिए पूजे जाते हैं। यह मंदिर भारत के गौरव को बढ़ाने वाला तथा अद्वितीय होगा। इसके निर्माण कार्य में जुड़े समस्त लोगों, श्रद्वालुओं और केन्द्र व राज्य सरकार को हार्दिक बधाई देता हूं तथा अयोध्या में परिवार सहित आकर श्रीराम लला गर्भगृह में परिवार सहित पूजा-अर्चना करने से मैं स्वयं को सौभाग्यशाली मानता हूं। मैं प्रभु श्री राम के चरणों में प्रणाम करता हूं।