- बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद महाराष्ट्र की सियासत में फिर से हुई उथल- पुथल
- अनिल देशमुख ने कोर्ट के आदेश के बाद दिया गृहमंत्री के पद से इस्तीफा
- केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले बोले- राज्य में लगना चाहिए राष्ट्रपति शासन
नई दिल्ली: महाराष्ट्र की सियासत में इन दिनों उथल- पुथल मची हुई है। सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा दिए गए एक फैसले के बाद राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख को अपना इस्तीफा सौंपना पड़ा। बंबई उच्च न्यायालय ने मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए उगाही के आरोपों की सोमवार को सीबीआई जांच के आदेश दिए। कोर्ट के आदेश के बाद उद्धव सरकार फिर से विपक्ष के निशाने पर है और लगातार सरकार पर हमले हो रहे हैं।
राज्य में लगे राष्ट्रपति शासन- अठावले
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की बात कही है। अठावले ने कहा, 'महाराष्ट्र सरकार का कार्यकाल पूरा होगा ऐसा लगता नहीं है। पूरे देश में कोरोना के 60-65% मामले महाराष्ट्र से आ रहे हैं। क़ानून व्यवस्था बिगड़ गई है। मैंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर कहा है कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू होना चाहिए।' अठावले ने कहा, 'महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख को इस्तीफा देनी की ज़रूरत थी। उन्हें NCP और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा बचाने की कोशिश की गई थी। शरद पवार ने अनिल देशमुख को इस्तीफा देनी की इजाज़त दे दी है, यह अच्छी बात है।'
बीजेपी हुई हमलावर
हाईकोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी भी राज्य सरकार पर लगातार निशाने साध रही है। नेता प्रतिपक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख का इस्तीफा पहले होना चाहिए था, जिस समय उनपर आरोप लगे थे। उच्च न्यायालय ने मामले में हस्तक्षेप किया उसके बाद गृह मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे खामोश क्यों है? उनकी चुप्पी बेचैन करने वाली है।'
रविशंकर प्रसाद बोले- सारी परतें खोली जाएं
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शिवसेना और एनसीपी पर निशाना साधते हुए कहा, 'महाराष्ट्र गृह मंत्री ने इस्तीफा दे दिया। CM उद्धव ठाकरे खामोश है। शरद पवार कहते हैं कि मंत्री के बारे में फैसला CM करते हैं। कांग्रेस और शिवसेना कहती है कि अनिल देशमुख के बारे में फैसला NCP करेगी। अनिल देशमुख ने शरद पवार से मिलकर CM को इस्तीफा दिया। प्रमुख राजनीतिक दल के रूप में भाजपा की अपेक्षा है कि इस मामले की सारी परतें खोली जाएं। देशमुख जी जो उगाही की मांग कर रहे थे, वो अपने लिए कर रहे थे या अपनी पार्टी के लिए कर रहे थे या पूरी सरकार के लिए कर रहे थे?'