नई दिल्ली: योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) सहित देशभर के विश्वविद्यालयों में छात्रों को विरोध-प्रदर्शन राजनीतिज्ञों के लिए छोड़ देना चाहिए। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए रामदेव ने कहा, 'इन दिनों देश का नाम बुरा हो रहा है क्योंकि ऐसा लगता है कि यहां केवल विरोध और हिंसा हो रही है। मैं जेएनयू सहित सभी विश्वविद्यालयों के छात्रों से कहता हूं कि उन्हें राजनेताओं के लिए विरोध-प्रदर्शन छोड़ देना चाहिए, अन्यथा राजनेता बेरोजगार हो जाएंगे। अराजकता फैलाना और हर समय सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन में शामिल होना एक छात्र की जिम्मेदारी नहीं है।'
उन्होंने कहा कि छात्रों को अपने करियर पर ध्यान देना चाहिए और देश के विकास में योगदान देना चाहिए। हर समय आजादी के नारे लगाना विशेष रूप से 'जिन्ना वाली आजादी' के नारे देश के साथ विश्वासघात है और यह देशद्रोह में आते हैं। छात्रों को हिंसा, अराजकता और विरोध का रास्ता छोड़ना चाहिए और चरित्र और राष्ट्र निर्माण में योगदान देना चाहिए।
रामदेव ने कहा, 'राजनीतिक दलों को समझना चाहिए कि इस देश की जनता ने 2024 तक भाजपा को जनादेश दिया है। हमें संविधान का सम्मान करना चाहिए और 2024 तक मोदीजी को समय देना चाहिए।'
उन्होंने कहा कि विपक्ष को धैर्य रखना चाहिए। वे विरोध कर सकते हैं लेकिन उन्हें राष्ट्र निर्माण में भी योगदान देना चाहिए। यह देश विपक्ष, न्यायपालिका, विधायिका और सरकार की अन्य संरचनाओं से उतना संबंधित है जितना कि मोदी या रामदेव या भाजपा से संबंधित है। मैं यह कहना चाहता हूं क्योंकि देश में मूल्य वृद्धि और गरीबी जैसी कई समस्याएं हैं। हम देश को आर्थिक रूप से आगे ले जाने में कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। अगर हम अमेरिका और चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करना चाहते हैं तो हमें भारत को समृद्ध बनाना चाहिए और अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करना चाहिए।