- एनडीए की तरफ से द्रौपदी मुर्मू उम्मीदवार
- विपक्ष की तरफ से.यशवंत सिन्हा चुनावी मैदान में
- आंकड़े काफी हद तक द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में
नई दिल्ली: सोमवार (18 जुलाई) को देश 15वां राष्ट्रपति चुनने जा रहा है। सोमवार को प्रेसिडेंट इलेक्शन है और इसमें सांसद और विधायक वोटिंग करेंगे। एनडीए की ओर से जहां द्रौपदी मुर्मू तो वहीं विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति बनने की रेस में हैं। खास बात ये है कि सोमवार से ही संसद का मानसून सत्र भी शुरू हो रहा है।
चुनाव से एक दिन पहले एनडीए सांसदों की बैठक में पहुंची द्रौपदी मुर्मू का जोरदार स्वागत किया गया। शायद ये जीत का ही संकेत है। देश के 15वें राष्ट्रपति के चुनाव में अब बस कुछ ही घंटे बचे हैं। राष्ट्रपति के लिए वोटिंग की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। सोमवार को देश के 4800 निर्वाचित सांसद और विधायक अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। ये मतदान संसद भवन और राज्य विधानसभा के भवनों में होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट करेंगे।
NDA की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ विपक्ष ने TMC के नेता रहे यशवंत सिन्हा को मैदान में उतारा है। द्रौपदी मुर्मू की स्थिति यशवंत सिन्हा के मुकाबले मजबूत है और उनके पक्ष में 60 फीसदी से अधिक मत पड़ने की संभावना है। इस बीच यशवंत सिन्हा ने चुनाव से एक दिन पहले फिर से विधायकों, सांसदों से अपने लिए वोट की अपील की है। यशवंत सिन्हा का समर्थन करने वाले तेजस्वी यादव राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू पर बेतुका बयान दे रहे हैं। तेजस्वी यादव ने NDA के राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू को बताया मूर्ति, हमलोगों को राष्ट्रपति भवन में कोई मूर्ति तो नहीं चाहिये, कहा जब से उनके नाम की घोषणा हुई है तबसे उनका एक बयान भी नहीं आया है।
राजनीति अपनी जगह लेकिन वोटों के आंकड़े काफी हद तक द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में है। राष्ट्रपति चुनाव में सांसदों और विधायकों के कुल वोटों का मूल्य 10 लाख 86 हजार 431 है।इसमें से 6 लाख 31 हजार वोट मूल्य यानी करीब 61 फीसदी द्रौपदी मुर्मू को मिलने की उम्मीद है। नामांकन के वक्त ये वोट मूल्य 50 फीसदी के करीब था। इसके 50 फीसदी से 61 फीसदी तक पहुंचने में गैर एनडीए दलों का बड़ा हाथ है। द्रौपदी मुर्मू को जिन गैर एनडीए दलों का साथ मिला है, उनमें
बीजू जनता दल
वाईएसआर कांग्रेस
बहुजन समाज पार्टी
AIADMK
JDS
TDP
अकाली दल
शिवसेना
झारखंड मुक्ति मोर्चा
राजनीतिक दलों के समर्थन के बाद अब बीजेपी को यकीन है कि देश का अगला राष्ट्रपति, आदिवासी समाज की महिला ही होगी। वहीं यशवंत सिन्हा के साथ विपक्ष को भी उम्मीद है कि राष्ट्रपति चुनाव में वो एनडीए को कांटे की टक्कर जरूर देंगे।