- पंजाब में किसानों के कंधे पर रखी जा रही है सियासी बंदूक!
- चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में दिखा ट्रेलर और असली पिक्चर बाकी ?
- कैप्टन और बीजेपी मिलकर कमल खिलाएंगे?
नई दिल्ली: पंजाब में क्या होगा ट्रेलर दिखा है, हालांकि रिजल्ट बाकी है। लेकिन जिसे कल तक सबसे बड़ा भगवान बना रहे थे..आज उसे गाली पड़ रही है, यहां बात हो रही है किसानों की। दिल्ली में थे मनभावन और पंजाब में धऱने पर बैठा देख आंख में कांटा चूभ रहा है। लेकिन क्यों ? आज राष्ट्रवाद में बात ...किसान और सियासत की होगी। पंजाब के 22 किसान संगठनों ने जब से पंजाब में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है ...पंजाब की सियासत में खलबली मची हुई है ? 36 घंटे पहले किसान संगठनों ने ऐलान किया कि वो पंजाब में चुनाव लड़ेंगे ....लेकिन इस ऐलान के बाद जो राजनीतिक पार्टियां खुद को किसानों का हितैषी बताती थी वो आज किसानों को गाली देने पर उतारू है। पंजाब में 22 किसान संगठनों के चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद यूथ कांग्रेस पंजाब के अध्यक्ष बलिंदर ढिल्लों ने किसानों को नीलाम होने की बात कह दी।
कांग्रेस बोली नीलाम हुए किसान !
कांग्रेस नेता बलिंदर सिंह बोले कि आम आदमी पार्टी से गठजोड़ करना आंदोलन में शहीद हुए किसानों का अपमान है। जो किसान लीडर राजनीतिक नेताओं को अपनी स्टेज पर नहीं चढ़ने देते थे, अरविंद केजरीवाल अब उनके नए बॉस हैं। बलिंदर यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे लिखा। आम आदमी पार्टी के चुनाव चिह्न पर लड़ना और गठजोड़ करना आंदोलन का फल सबसे बड़ी नीलामी देने वाले को बेचना है। कथित किसान नेताओं ने अरविंद केजरीवाल को अपने किसान बेच दिए। BJP हमें उद्योगपतियों को बेच रही थी। अब कथित किसान नेताओं से राजनीतिक नेता बने लोग किसान को अपने राजनीतिक हित के लिए बेचेंगे।
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किसानों पर हुई राजनीति
कांग्रेस पार्टी किसानों को गाली दे रही है तो दूसरी तरफ उनके अध्यक्ष पुलिस फोर्स पर सवाल उठा रहे हैं..अब किसानों पर राजनीति को समझिए। किसान नेता योगेंद्र यादव भी किसान संगठनों के चुनाव लड़ने के ऐलान को गलत बता रहे हैं। वो योगेंद्र यादव जिनकी खुद राजनीतिक पार्टी है अब राजनीति के अलग अलग मतलब बता रहे हैं और किसानों के चुनाव लड़ने पर सवाल उठा रहे हैं। क्यों भाई..किसानों को इंसाफ तभी मिलेगा जब फलां जी दिलाएंगे। किसानों को अच्छा नहीं लगा किसी के पीछे चलना..उन्होंने अपनी पॉलिटिकल पार्टी बना ली। अब वोटर तय करेंगे कि वो किसके साथ हैं। देश का सबसे बड़ा वोटर किसान-मजदूर ही तो है..अगर किसानों को पार्टी को उनका वोट मिल जाए तो किसान सत्तादारों के सामने अपनी मांग को लेकर टकटकी लगाने की जगह सीधे अपने लिए फैसला कर लेंगे । लोकतंत्र ये भी तो है..इसलिए अगर वो किसी दूसरी पार्टी के इशारों पर चलने के लिए तैयार नहीं, अपनी पार्टी बनाकर मैदान में उतरना चाहते हैं तो दिक्कत क्यों है ?
चंडीगढ़ निकाय चुनाव के परिणाम
पंजाब में आज चंडीगढ़ निकाय चुनाव के नतीजे आए निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी ने पहली बार में ही सबसे बड़ी पार्टी बनने का इतिहास रच दिया। आम आदमी पार्टी को 14 तो बीजेपी को 12 सीटें मिली जबकि कांग्रेस 7 सीट पर रह गई। इस जीत के बाद अरविंद केजरीवाल गदगद दिखाई दे रहे हैं ..केजरीवाल ने ट्वीट कर सभी का आभार जताया और कहा कि इसका असर विधानसभा चुनाव में साफ दिखेगा। चंडीगढ़ में कांग्रेस तीसरे नंबर पर आई है, उस चंडीगढ़ में जहां चन्नी रहते हैं, उनके मंत्री रहते हैं। कांग्रेस दिल्ली में जीरो है। उन्हें फुटबॉल, हॉकी खेलने की प्रैक्टिस करनी चाहिए क्योंकि 5 साल उनके पास कोई काम नहीं है।
बीजेपी अमरिंदर सिंह का गठबंधन
हाालंकि ये निकाय चुनाव हैं और वो भी चंडीगढ़ । मैं ऐसा इसलिए कह रहा कि चंडीगढ़ मेट्रो सिटी है । कॉस्मो सिटी है । लेकिन पंजाब और हरियाणा की राजधानी भी है । इसलिए सवाल तो उठता है न कि..क्या इस ट्रेलर की पूरी पिक्चर विधानसभा चुनाव में दिखेगी। क्या कांग्रेस को कैप्टन अमरिंदर को किनारा करना महंगा पड़ेगा ये भी सवाल है। इस बीच कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की ..इस बैठक में सुखविंदर सिंह ढींढसा भी मौजूद रहे ...बीजेपी, कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी और सुखविंदर ढींढसा की पार्टी के गठबंधन का आधिकारिक ऐलान हुआ और सीट बंटवारे के लिए कमेटी का ऐलान किया गया।
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