देश में एक नई बहस छिड़ी है, कांग्रेस के सीनियर लीडर और टीम राहुल के थिंक टैंक माने जाने वाले मणिशंकर अय्यर ने कहा है कि देश में अब गुटनिरपेक्ष की चर्चा ही नहीं होती। नरेंद्र मोदी के समय 2014 से देश अमेरिका का गुलाम हो गया है। मणिशंकर अय्यर ने दिल्ली में ये बातें एक सेमिनार में कही। जबकि मोदी सरकार ने जरूरत को समझा, अमेरिका से हाथ मिलाया, रूस को साधे रखा, फ्रांस को स्ट्रेटजिक पार्टनर बनाया। 20 साल से जिस राफेल की बात चल रही थी, उसे लेकर आ गए। हम आंख मूंदे नहीं रहेंगे, अगर छेड़ोगे तो छेड़ेंगे नहीं। सिर्फ कहा नहीं सबूत दिया सर्जिकल स्ट्राइक किया, घर में घुसकर एयर स्ट्राइक की। चीन को गलवान में रोका। सबूत पर सबूत दिया। दुनिया भर में ब्रैंड इंडिया को चमकाया। आंख में आंख डालकर बात की। ऐसा नहीं हुआ कि अमेरिका को गले लगाया तो रूस को छोड़ दिया। सबको साधा।
भारत और अमेरिका के संबंध मजबूत हुए हैं। भारत ने अमेरिका के साथ कई डील्स की। रक्षा, उर्जा और व्यापार के क्षेत्र में दोनों देशों ने कई अहम समझौते किए।
भारत-अमेरिका के बीच अहम समझौते
2016: लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट
2017: भारत-अमेरिका सामरिक उर्जा भागीदारी
2018: संचार संगतता और सुरक्षा समझौता
2019: आतंकवाद विरोध पर बाइलेटरल ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप की बैठक
तो किस आजादी और किस गुलामी की बात कर रहे हैं मणिशंकर अय्यर? और कांग्रेस के नेता क्यों चुप रहते हैं। लगता है मानो मणिशंकर अय्यर को बोला गया हो तुम बोलो, जो हम नहीं बोल सकते सीधे-सीधे। फिर हमलोग चुप्पी लगा देंगे। आपको याद होगा कि कंगना रनौत ने देश की आजादी पर बयान दिया था। टाइम्स ग्रुप ने उस बयान को सही नहीं माना। हमने दो टूक कह दिया कि ये कंगना का निजी बयान हो सकता है। लेकिन तब एक बड़ा लिबरल तबका जंग के लिए तैयार हो गया था और कंगना पर निशाना साधते रहे। लेकिन जब वीर दास जो स्टैंडिंग कॉमेडियन हैं उन्होंने सात समंदर पार जाकर देश के बारे में अनाप-शनाप बयान दिया तो कांग्रेस की टॉप लीडरशिप ये कहने लगी कि ठीक ही तो कह रहा है। क्यों भाई इसलिए बोल रहे हैं कि ये मोदी के समय का हिन्दुस्तान है। देश को गाली पड़ रही है तो मोदी को गाली पड़ रही ये सोचकर बैठे हैं। नहीं तो क्यों नहीं बोलते कि गलत बात है वीर दास। हिन्दुस्तान ऐसा नहीं और वही सवाल आज हुआ जब मणिशंकर अय्यार ने 2014 के बाद देश को ही गुलाम बता दिया, फिर से घनघोर चुप्पी है। किसी के मुंह से कोई आवाज नहीं आ रही। तो सवाल ये हैं कि
- क्या 2014 के बाद हिंदुस्तान गुलाम हो गया?
- मणिशंकर का बयान हिंदुस्तान का अपमान नहीं तो क्या है?
- कंगना को लेकर तांडव करने वाले मणिशंकर अय्यर पर चुप क्यों हैं?