- जनसंख्या नियंत्रण समय की मांग है
- सुपर पावर बनना है तो इस दिशा में उठाना होगा कदम
- चीन ने भी जनसंख्या पर लगाम लगाया है
बीजेपी सांसद रवि किशन आज लोकसभा में प्राइवेट मेंबर बिल में जनसंख्या नियंत्रण बिल लेकर आ रहे हैं।.रविकिशन ने कहा -देश में जनसंख्या विष्फोटक हो गयी है। गोरखपुर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और भोजपुरी फ़िल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार रवि किशन आज लोकसभा में एक प्राइवेट मेंबर बिल पेश करने वाले हैं। यह बिल जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर है। हालाँकि सरकार पहले ही यह साफ़ कर चुकी है कि इस दिशा में कानून बनाने की उसकी कोई योजना नहीं है। ऐसे में उनकी इस बिल की क्या व्यवहारिकता शेष रहेगी यह आना वाले समय में ही पता चलेगा।
जनसंख्या पर नियंत्रण जरूरी
प्राइवेट मेंबर बिल पेश करने से पहले आज उन्होंने टाइम्स नाउ नवभारत से बात करते हुए इसकी ज़रूरत पर चर्चा की। रवि किशन ने जनसंख्या नियंत्रण कानून को ज़रूरी बताया। उन्होंने कहा कि भारत को अगर सुपर पावर बनाना है तो हमें इस दिशा में कदम उठाना हगा।अपने बिल पर बात करते हुए रवि किशन ने कहा, “भारत को अगर सुपर पावर बनना है तो इसके लिए जनसंख्या को कंट्रोल करना होगा ही होगा। चीन ने भी जनसंख्या पर लगाम लगाया है। मैंने 2019 से ही इसकी तैयारी की है।” उन्होंने विपक्ष पर संसद नहीं चलने देने का भी आरोप लगाया।
सरकार नहीं ला रही है बिल
वहीं, राष्ट्रपति चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग पर रवि किशन ने कहा कि यह देश अब अलग तरीके से सोचता है। यह देश गरीबों के साथ खड़ा है।आपको बता दें कि AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेता इस बिल को लेकर जमकर विरोध करते रहे हैं। वह ऐसी किसी भी संभावना को मुसलमानों के ख़िलाफ़ बताते हैं। हाल ही में केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया था कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून लाने पर वह कोई विचार नहीं कर रही है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्र सरकार की तरफ़ से लिखित जानकारी दी थी।
भारती पवार ने कहा था कि सरकार राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। इसका मकसद 2045 तक जनसंख्या स्थिरीकरण के लक्ष्य के साथ परिवार नियोजन की अपूर्ण रह गई आवश्यकताओं को पूरा करना है। उन्होंने कहा था कि जनसंख्या वृद्धि पर लगाम लगाने के सरकार के प्रयास सफल रहे हैं और इसकी बदौलत 2019-21 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण में कुल प्रजनन दर घटकर 2.0 रह गई है।