- कौड़ी के भाव बिक रही थी गोभी, नए कृषि कानून की वजह से मिली 10 गुना अधिक कीमत
- केंद्रीय दूससंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद से मिली बिहार के किसान को मदद
- मक्तापुर गांव के किसान की कहानी सोशल मीडिया पर बनी चर्चा का विषय
नई दिल्ली: कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसमें एक किसान फूलगोभी की खेती पर ट्रैक्टर चलाते हुए नजर आया था। दरअसल किसान को अपनी फसल की लागत तक नहीं मिल पा रही थी जिस वजह से उसे फसल पर ट्रैक्टर चला दिया। मामला बिहार के समस्तीपुर स्थित मुक्तापुर गांव का था जहां किसान ने एक बीघे में फूलगोभी की फसल लगाई थी लेकिन जब पैदावार अच्छी हुई तो खरीददार नहीं मिले एक एक रुपये प्रतिकिलो दाम मिले जिसमें काटने की भी लागत नहीं निकल रही थी। ऐसे में किसान ने खेत के एक चौथाई हिस्से पर ट्रैक्टर चलवा दिया। खबर सामने आते ही केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद तक पहुंची तो उन्होंने मामले को तुरंत संज्ञान में लिया।
केंद्रीय मंत्री ने की मदद
इस बाबत उन्होंने ट्वीट करते हुए बताया, 'मीडिया के द्वारा मुझे खबर मिली थी कि बिहार के समस्तीपुर के मुक्तापुर गांव के किसान ओम प्रकाश यादव को अपने खेत में उगाई गोभी की फसल का स्थानीय आढ़त में मात्र एक रुपया प्रति किलो भाव मिल रहा था। निराश हो कर उन्होंने अपने खेत के कुछ हिस्से पर ट्रैक्टर चलवा कर फसल को नष्ट कर दिया। मैंने अपने विभाग के कॉमन सर्विस सेण्टर को निर्देश दिया कि इस किसान से संपर्क कर इनकी फसल को देश के किसी भी बाज़ार में उचित मूल्य पर बेचने का प्रबंध किया जाये। कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के डिजिटल प्लेटफॉर्म ई-किसान मार्ट पर इस किसान को दिल्ली के एक खरीदार ने दस रूपये प्रति किलो का मूल्य ऑफर किया।'
नए कृषि कानूनों का लाभ
इसके बाद किसान को जो मदद मिली उसका जिक्र करते हुए रविशंकर प्रसाद ने लिखा, 'किसान और खरीदार की आपसी सहमति कुछ ही घंटों में किसान के बैंक खाते में आधी राशि एडवांस के रूप में पहुँच गई। आज मुझे पता चला है कि न सिर्फ ट्रांसपोर्ट उपलब्ध करवाया गया बल्कि बची हुई राशि भी किसान के बैंक खाते में जमा हो गई है और समस्तीपुर की गोभी दिल्ली के लिए रवाना हो गई है।'
मिले 10 गुना अधिक दाम
नए कृषि कानूनों का हवाला देते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'अब नरेंद्र मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों ने किसान को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आज़ादी दे दी है। बिहार का ये किसान जिसे स्थानीय मंडी में मिल रहे दाम से निराश हो कर अपनी फसल नष्ट करने पर मजबूर होना पड़ा था, अब स्थानीय दाम से दस गुना अधिक दाम पर दिल्ली में अपनी फसल बेच पाया है।'
किसान कर सकते हैं खरीददारों से संपर्क
आपको बता दें कि कॉमन सर्विस सेंटर ने एग्री टेन एक्स नाम के एक स्टार्टअप के साथ मिलकर ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया है जहां देशभर के किसान अपनी फसलों को बेचने के लिए खरीददार से संपर्क कर सकते हैं। इसके बाद डील तय हो जाती है तो खरीददार खेत से ही सीधे फसल को उठवा लेता है और ऐसे में उसे मंडी तक जाने की भी जरूरत नहीं पड़ती और मुनाफा भी अच्छा मिल जाता है।