नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के परेड में राजपथ पर अलग-अलग राज्यों की झांकियों दिखी। लेकिन हरियाणा की झांकी खेल के क्षेत्र में भारत के गौरव का प्रदर्शन करती दिखाई दी। 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर दुनिया भर में अपनी पहचान कायम कर खेलों का 'पॉवर हाउस' बन चुके हरियाणा ने राजपथ पर अपना दम ख़म दिखाया।
हरियाणा की झांकी राजपथ पर आई तो दर्शकों को लगा उनके सामने कोई अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता हो रही है। जिसमें भारतीय खिलाडियों ने दुनिया में जीत का परचम लहराकर तिरंगे को फहराया और भारत का मान बढ़ाया।
हरियाणा- खेलों में नंबर वन की थीम पर तैयार इस झांकी की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि इसमें योगेश्वर दत्त, बजरंग पुनिया, रानी रामपाल और सुमित अंतिल सहित कई अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों की मौजूदगी रही। इन खिलाडियों ने ओलम्पिक से लेकर एशियन और राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया है।
दो हिस्सों में बनी हरियाणा की झांकी के अगले हिस्से में घोड़े व भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति के प्रतीक शंख थे। घोड़ों से जुता रथ महाभारत युद्ध के "विजय रथ" का प्रतीक है। यहां रखा शंख भगवान श्रीकृष्ण के शंख का प्रतीक है। झांकी के दूसरे हिस्से को चार भागों में बांटा गया था। इसके पहले भाग में ओलंपिक की तर्ज पर बने अखाड़े में दो पहलवान खिलाड़ी कुश्ती का प्रदर्शन कर रहे थे। इसके पीछे के दो हिस्सों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हरियाणा के 10 ख्याति प्राप्त खिलाड़ी खड़े थे। झांकी के अंतिम हिस्से पर भाला फेंकने की मुद्रा में ओलंपियन नीरज चोपड़ा की आदमकद प्रतिकृति थी तो झांकी के दोनों ओर हाई रीलीफ में हरियाणा के चुनिंदा खेलों जैसे बॉक्सिंग, वेट लिफ्टिंग, शूटिंग, डिस्कस थ्रो व हॉकी के खिलाड़ियों की गतिविधियों को उकेरा गया था।
हरियाणा ने ओलंपिक और एशियन गेम्स सहित कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में हमेशा देश का नाम रोशन किया है। टोक्यो ओलंपिक -2020 में भारत को प्राप्त कुल 7 पदकों में से हरियाणा के खिलाड़ियों ने 4 पदक जीते। इनमें व्यक्तिगत वर्ग में जीता गया एकमात्र स्वर्ण पदक भी शामिल है।
हरियाणा के खिलाड़ियों की बड़ी सफलता और खेलों के ज़रिए विश्व में भारत को श्रेष्ठतम सम्मान दिलाने को लेकर राजपथ पर मौजूद दर्शकों ने 'नम्बर वन हरियाणा' थीम की झांकी को देख मंत्रमुग्ध हो गए।