नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह यहां तालकटोरा स्टेडियम में हो रहे एक कार्यक्रम के खिलाफ एक नई याचिका पर 9 मई को सुनवाई करेगा, जहां "हिंदू राष्ट्र" का संकल्प रखा जाना प्रस्तावित है। जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस सी टी रविकुमार की बैंच ने याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि कार्यक्रम गुरुवार शाम के लिए निर्धारित है और शराबबंदी के आदेश मांगे गए हैं।
शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता से इस मुद्दे पर अपने आदेशों से अधिकारियों को अवगत कराने को कहा।
ताजा याचिका में कहा गया है कि तालकटोरा स्टेडियम में होने वाले कार्यक्रम के मुख्य वक्ता निश्चलानंद सरस्वती हैं, जिन्होंने अतीत में अक्सर नफरत भरे भाषण (Hate speeches) दिए हैं। बार-बार इस तरह के आयोजन खुले तौर पर होते हैं और संतोषजनक निवारक या परिणामी कार्रवाई शायद ही कभी की जाती है, याचिका में कहा गया है कि नफरत फैलाने वाले भाषणों की बढ़ती दर देश के धार्मिक अल्पसंख्यकों में डर पैदा करने के लिए पर्याप्त है।
पीटीआई की रिपोर्टे के मुताबिक याचिकाकर्ताओं के संज्ञान में अब यह आया कि दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 5 मई 2022 को शाम 5:00 बजे एक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसमें पुरी के एक शंकराचार्य और श्री गोवर्धन मठ के 'महंत' निश्चलानंद सरस्वती हैं। एक न्यूज चैनल द्वारा जारी इस वेब पोस्टर के अनुसार, भारत को एक हिंदू राष्ट्र में बदलने के लिए सार्वजनिक रूप से एक प्रस्ताव की घोषणा और पुष्टि करेगा।
याचिका में कहा गया है, न्यूज चैनल द्वारा हिंदुओं को उक्त कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कहने का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर उपलब्ध है।
सुप्रीम कोर्ट ने पहले चिंता व्यक्त की थी कि सरकारी अधिकारियों द्वारा उठाए जाने वाले निवारक उपायों पर शीर्ष अदालत के दिशानिर्देशों के बावजूद देश में अभद्र भाषा की घटनाएं होती रहती हैं।