देहरादून : केदारनाथ मंदिर के कपाट शुक्रवार सुबह खुल गए। इस विशेष अवसर पर बाबा भोलेनाथ के इस मंदिर को लाइटों से सजाया गया था। । मंदिर की साज-सज्जा की गई है। कोरोना संकट की वजह से केदारनाथ मंदिर दो वर्षों तक आम श्रद्धालुओं के लिए बंद रहा है। शुक्रवार से भोले बाबा के भक्त एक बार फिर उनका दर्शन कर पाएंगे। मंदिर को 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। मंदिर के कपाट खुलने की खबर पाकर भगवान शंकर के भक्तों में विशेष उत्साह है।
सीएम धामी ने किया ट्वीट
केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में सीएम ने कहा है कि भगवान शिव की कृपा से मुझे कल श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के शुभ अवसर पर जाने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। प्रणाम आपको बारम्बार, जय हो बाबा श्री केदार।'
पंचमुखी भोगमूर्ति की विशेष पूजा-अर्चना
बुधवार सुबह छह बजे से फाटा में बाबा केदार की पंचमुखी भोगमूर्ति की विशेष पूजा-अर्चना की गई। धाम के लिए नियुक्त मुख्य पुजारी टी-गंगाधर लिंग ने आराध्य का श्रंगार कर भोग लगाया और आरती उतारी। इस मौके पर लोगों ने फूल, अक्षत से बाबा का स्वागत करते हुए दर्शन कर सुख-समृद्धि की कामना की। सुबह 7.45 बजे बाबा की पंचमुखी डोली ने अपने धाम के लिए प्रस्थान किया।
पड़ाव गौरीकुंड पहुंची
सीतापुर, सोनप्रयाग होते हुए बाबा केदार की डोली पूर्वाह्न् 11 बजे अंतिम रात्रि पड़ाव गौरीकुंड पहुंची, जहां ग्रामीणों, तीर्थपुरोहितों ने डोली का फूल-मालाओं के साथ स्वागत किया। बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी डा. हरीश चंद्र गौड़ ने बताया कि बृहस्पतिवार को बाबा केदार की डोली सुबह 8 बजे धाम के लिए प्रस्थान करेगी। 17 किमी पैदल रास्ते का सफर तय कर डोली दोपहर को केदारनाथ पहुंचेगी।
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सभी तैयारियां पूरी
6 मई को धाम में कपाटोद्घाटन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। डोली प्रभारी प्रदीप सेमवाल ने बताया कि कोरोनाकाल के चलते बीते दो वर्षों में डोली को सूक्ष्म रूप से धाम पहुंचाया गया था, लेकिन इस बार पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से गौरीकुंड तक भक्तों का उत्साह अपने चरम पर है। तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने मंदिर से प्रस्थान के बाद भूतनाथ मंदिर में विश्राम किया। इस मौके पर पुजारियों ने आराध्य की पूजा-अर्चना करते हुए भोग लगाकर आरती उतारी। (एजेंसी इनपुट के साथ)