आगरा: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने कहा है कि उसके पास ऐसी तकनीक नहीं है कि वह ताजमहल देखने आने वाले प्रतिदिन लगभग 30,000 पर्यटकों की कोरोनावायरस की स्क्रीनिंग कर सके। आगरा में कोरोनावायरस की चपेट में छह लोग आ गए हैं। इन लोगों को बेहतर इलाज के लिए मंगलवार को दिल्ली भेज दिया गया।
एएसआई के आगरा क्षेत्र के पुरातत्वविद अधीक्षण वासन के. स्वर्णकार ने कहा कि स्मारक के पास पर्यटकों की स्क्रीनिंग के लिए कोई विशेष उपकरण या तकनीक नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी टीम को कहा है कि अगर किसी को तेज खांसी, जुकाम और बुखार के लक्षण पाए जाएं तो वह स्वास्थ्य विभाग को सूचित करे।
स्वर्णकार ने कहा, जब तक कोई हमें नहीं बताता, हम और कुछ नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि हवाईअड्डों पर पहले से ही थर्मल इमेजिंग तकनीक से भारत आने वाले पर्यटकों की जांच की जा रही है और होटलों को भी एक एडवाइजरी जारी कर दी गई है। स्थानीय लोगों का मानना है कि भारत के सबसे बड़े पर्यटन केंद्रों में से एक ताजमहल को कुछ समय के लिए बंद कर देना चाहिए।
एक फिजीशियन डॉ. वीना मोइत्रा ने कहा, भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों में बड़ी संख्या में लोग ताजमहल देखने आगरा आते हैं। अगर इस बीमारी से संक्रमित कोई व्यक्ति किसी की नजर में नहीं आया तो उससे यहां बीमारी फैल सकती है। कई पर्यटक होटलों में भी नहीं रुकते हैं और ताजमहल देखकर सड़क मार्ग से ही लौट जाते हैं। पर्यटन उद्योग हालांकि मानता है कि ताजमहल को बंद करने से दुनियाभर में गलत संदेश जाएगा।