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आत्‍मनिर्भर बनने की राह पर बुलंदशहर की महिलाएं, मास्‍क बनाकर पेश कर रहीं नजीर

IAS, Ravindra Kumar (DM Bulandshahr)
Updated May 29, 2020 | 18:44 IST

कोरोना काल में बुलंदशहर में स्‍वयं सहायता समूहों की महिलाएं मास्‍क का निर्माण कर रही हैं और स्‍थानीय प्रशासन की मदद से इन मास्‍क की सप्‍लाई की जा रही है। 

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IAS, Ravindra Kumar (DM Bulandshahr)IAS, Ravindra Kumar (DM Bulandshahr)
IAS, Ravindra Kumar (DM Bulandshahr)
मुख्य बातें
  • कोरोना काल में 3000 से अधिक महिलाएं बना रहीं हजारों मास्‍क
  • केंद्रीय मंत्री स्‍मृति ईरानी ने की इन महिलाओं की प्रशंसा
  • मास्‍क बनाकर आत्‍मन‍िर्भर बनने की द‍िशा में महिलाओं के कदम

चीन के वुहान शहर में पैदा हुए कोरोना नाम के खतरनाक वायरस ने जनजीवन अस्‍त व्‍यस्‍त कर दिया है और इस वैश्विक महामारी ने इंसानी दैनिक जीवन में ऐसा परिवर्तन पैदा किया है जिसके साथ अब हमें चलना होगा और बढ़ना होगा। घर से बाहर निकलने पर मास्‍क का इस्‍तेमाल, साफ सफाई के मद्देनजर सेनिटाइजर और बातचीत के दौरान 2 गज की दूरी, यह कुछ बातें अब इंसानी जीवन की आदत में शुमार हो चुकी हैं। जीवन सुरक्षा के लिहाज से लोगों ने इस बातों का पालन शुरू कर दिया है। लोग घरों में मास्‍क और सेनिटाइजर बनाकर अपनी सुरक्षा खुद कर रहे हैं। 

कई ऐसी संस्‍थाएं हैं जो रोजाना व्‍यापक स्‍तर पर मास्‍क का निर्माण कर रही हैं। देश की राजधानी दिल्‍ली से सटे बुलंदशहर जिले की ग्रामीण महिलाएं भी ऐसी नजीर पेश कर रही हैं जिससे इस जिले को नई पहचान मिल रही है। चीनी मिट्टी के बर्तन, गन्‍ने की मिठास और गेंहू की बंपर खेती के लिए मशहूर यह जिला अब ग्रामीण महिलाओं को आत्‍मनिर्भर बनाने के ल‍िए जाना जा रहा है। कोरोना काल में यहां के स्‍वयं सहायता समूहों की महिलाएं मास्‍क का निर्माण कर रही हैं और स्‍थानीय प्रशासन की मदद से इन मास्‍क की सप्‍लाई देशभर में की जा रही है। 

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्‍मनिर्भर भारत के अभियान को यह महिलाएं मजबूती देने का काम कर रही हैं, वहीं 'हर हाथ को काम, हर घर को रोजगार' की दिशा में कार्य कर रहे यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के निर्देशानुसार बुलंदशहर का जिला प्रशासन इन महिलाओं को हर संभव मदद कर रहा है ताकि इनका कार्य ना रुके। जिलाधिकारी बुलंदशहर रविंद्र कुमार (आईएएस) एक तरफ दिल्‍ली के करीब स्थित इस जिले में कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रयासरत हैं, वहीं दूसरी तरफ देश की प्रगति में योगदान दे रही हैं इन स्‍वयं सहायता समूह और एनजीओ की महिलाओं से परस्‍पर संवाद स्‍थापित कर उत्‍साहवर्धन कर रहे हैं।

कॉटन के मास्‍क हो रहे तैयार: डीएम
जिलाधिकारी बुलंदशहर रविंद्र कुमार (आईएएस) ने टाइम्‍स नाऊ हिंदी से बातचीत में बताया कि प्राइवेट कंपनी, एनजीओ, स्‍वयं सहायता समूह मिलकर हजारों मास्‍क रोज तैयार हो रहे हैं। इससे गांवों की महिलाओं को व्‍यापक स्‍तर पर रोजगार मिला है, साथ ही जिले भर में मास्‍क की पर्याप्‍त उपलब्‍धता बनी है। इस कार्य से लॉकडाउन के चलते बेरोजगार हुए टेलर्स और अन्‍य कार्यों में व्‍यस्‍त महिलाओं की आजीविका बनी है। उन्‍होंने बताया कि कॉटन के धुलने योग्‍य चार लाख मास्‍क स्‍वयं सहायता समूह से प्रशासन ने खरीदकर श्रमिकों और लोगों में बांटे जा चुके हैं। रविंद्र कुमार ऐसे पहले और एक मात्र आईएएस अफसर हैं जिन्होंने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने में सफलता पाई है। पहली बार नेपाल के रास्ते उन्होंने 2013 में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने में सफलता पाई थी। 

3000 से अधिक महिलाएं बना रहीं हजारों मास्‍क
प्राप्‍त जानकारी के अनुसार, बुलंदशहर जिले में पांच स्‍वयं सहायता समूह और दो एनजीओ की महिलाएं रोजाना हजारों की संख्‍या में फेस मास्‍क और डिजाइनर मास्‍क तैयार कर रही हैं। बुलंदशहर की लखावटी के गांव सराय छबीला, खनौदा, अगौता, जहांगीराबाद के खदाना, बुलंदशहर के महमूदपुर के स्‍वयं सहायता समूह और ऊंचागांव की ग्राम ईकाई सहकारी संस्था एवं अनूपशहर में संचालित परदादा परदादी एजुकेशन सोसाइटी भी मास्‍क बना रही हैं। कई संस्‍थाएं ऑटोमेटिक मशीन से भी मास्‍क बना रही हैं।

केंद्रीय मंत्री स्‍मृति ईरानी ने की प्रशंसा
बुलंदशहर जिले की महिलाओं के कार्यों की प्रशंसा स्‍वयं केंद्रीय कपड़ा और महिला एवं बाल‍ विकास मंत्री स्‍मृति ईरानी ने भी की है। उन्‍होंने अपने ट्विटर पर मास्‍क बनाती हुईं इन महिलाओं का वीडियो साझा करते हुए लिखा- देश भर में मास्क की मांग बढ़ी है, जिसकी आपूर्ति के लिए दिल्ली और बुलंदशहर में 3000 से भी अधिक ग्रामीण महिलाएं आज डिज़ाइनर मास्क बनाकर अपनी आजीविका चलाते हुए, कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में देश को मजबूत कर रही हैं। उनका योगदान प्रशंसनीय है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी इन महिलाओं की तारीफ की है। 

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