- कांग्रेस ने सचिन पायलट को डिप्टी सीएम और अध्यक्ष पद से हटाया
- सचिन पायलट ने राम राम सा के जरिए समर्थकों और शुभचिंतकों का किया धन्यवाद
- सियासी लड़ाई में अशोक गहलोत, सचिन पायलट पर पड़े भारी
नई दिल्ली। राजनीति की बारीकियों का समझ पाना आसान नहीं होता है। अगर ऐसा होता तो हर कोई राजनीति की पिच पर चौके और छक्के लगाता। राजस्थान की राजनीति में अशोक गहलोत साबित कर चुके हैं कि वो वास्तव में जादूगर है। करीब ढ़ाई साल पहले से चल रहे शीतयुद्ध में वो सचिन पायलय से भारी पड़े। सचिन पायलट न तो अब राज्य के डिप्टी सीएम हैं और न ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष। वो पार्टी में बने रहेंगे या कोई दूसरा रास्ता चुनेंगे यह भविष्ट के गर्भ में है। लेकिन उन्होंने साथ देने वालों का धन्यवाद किया है।
राम राम सा के जरिए धन्यवाद
सचिन पायलट ने कहा कि वो दिल से उन सभी लोगों को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने आज उन्हें समर्थन दिया। अपने ट्वीट का अंत राम राम सा ! के जरिए किया। उन्होंने कहा कि लड़ाई बड़ी लंबी है और आगे जारी रहेगी। इसके साथ यह भी कहा कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं हो सकता है।
पुराने दोस्तों ने दिया समर्थन
सचिन पायलट के समर्थन में यूपी कांग्रेस के कद्दावर नेता जितिन प्रसाद ने भी ट्वीट करते हुए कहा कि कांग्रेस के लिए उन्होंने जितना परिश्रम किया उसे भूला नहीं जा सकता है। बड़ा दुख हुआ कि इस तरह के हालात पैदा हुए तो प्रिया दत्त ने कहा कि एक एक कर युवा साथी कांग्रेस से अलग हो रहे हैं। किसी शख्स का महत्वाकांक्षी होना गलत नहीं है।
कांग्रेस में योग्यता की कद्र नहींं
बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया कहते हैं कि कांग्रेस में योग्यता की कद्र नहीं है। मध्य प्रदेश में क्या हुआ सबके सामने है। उन्होंने खासतौर पर कोरोना का जिक्र करते हुए कहा कि जब राज्य के ऊपर आपदा आई तो तब के सीएम कमलनाथ आईफा की तैयारी में व्यस्त थे। 23 मार्च को एक ऐसे शख्स ने राज्य की कमान संभाली जिसने अकेले मुहिम चलाई।