- एंटीलिया, मनसुख हिरेन मर्डर केस और उगाही के केस में जेल में बंद है सचिन वाजे
- महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख भी जेल में बंद
- सचिन वाजे बनना चाहता था सरकारी गवाह
महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख जेल में बंद और उनकी मुश्किलों में और इजाफा हो सकता है। दरअसल सीबीआई कोर्ट ने सचिन वाजे को सरकारी गवाह बनने की मंजूरी दे दी है। इसका अर्थ यह है कि वाजे का हर एक बयान देशमुख के लिए जेल से बाहर आने की उम्मीद को कमजोर करेगा। मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर जब कार में विस्फोटकों की बरामदगी हुई तो किसी को नहीं पता था कि इस मामले में कई मोड़ आएंगे। तफ्तीश के बाद एक शख्स सचिन वाजे का नाम उभर कर सामने आया तो सनसनीखेज खुलासे होते गय। जांच में पता चला था कि वाजे पर ना सिर्फ मुंबई के पुलिस कमिश्नर रहे परमवीर सिंह मेहरबान थे बल्कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख भी खासे मेहरबान थे।
इस तरह से चर्चा में आया सचिन वाजे
सचिन वाजे के बारे में कहा जाता है कि स्पेशल क्राइम यूनिट में उसकी तैनाती नियमों को दरकिनार करके की गई की। वाजे को खास जिम्मेदारी दी गई थी। अनिल देशमुख की सरपरस्ती में वो उगाही का काम किया करता था। बताया जात है कि अगर मनसुख हिरेन की हत्या का केस सामने ना आया होता तो शायद वाजे बचकर निकल जाता । लेकिन मीडिया में मनसुख हिरेन का केस इस हद तक छाया कि सचिन वाजे के संबंध में एक एक कड़ी खुलती गई। वाजे ने कहा कि वो तो सिर्फ मोहरा था हुक्म तो कहीं और से आता था।
सचिन वाजे की गर्लफ्रेंड ने किया था खुलासा
मुंबई पुलिस वसूली कांड में सनसनीखेज जानकारी सामने आई थी। सचिन वाजे वसूली कांड में अब तक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। किस तरह से मुंबई पुलिस कमिश्नर का ऑफिस वाजे का वसूली ठिकाना बन चुका था। ? पुलिस कमिश्नर का ऑफिस वाजे के लेन-देन का अड्डा बन गया था ? NIA ने वसूली किंग सचिन वाजे को बेनकाब करने का दावा किया है। सचिन वाजे की गर्लफ्रेंड ने NIA के सामने किया राजफाश किया। मीना ने वाजे के नीले लेदर बैग की सत्यकथा सुनाई। मीना ने वाजे के ब्लैक एंड व्हाइट का मीना जॉर्ज ने राज खोला था।
मुंबई के पुलिस कमिश्नर ऑफिस की चौथी मंजिल पर सचिन वाजे का दफ्तर था।सचिन वाजे ने 40 लाख रुपये कैश अपने दफ्तर से मीना जॉर्ज को दिया।यानी ये पैसों का ये सारा खेल मुंबई के पुलिस कमिश्नर के ऑफिस से ही सचिन वाजे खेल रहा था।मुंबई के पुलिस कमिश्नर का दफ्तर सचिन वाजे का वो अड्डा था।जिसका इस्तेमाल वो वसूली के पैसो के लेन-देन के लिए करता था।मीना जॉर्ज ने आगे बताया कि।19 फरवरी की सुबह जब मैं होटल ओबेरॉय से निकल रही थी, सचिन वाजे ने मुझे एक जूट बैग दिया जिसमें 2000 रुपये के 18 बंडल थे यानी 36 लाख रुपये। सचिन ने मुझे वो नोट गिनने, पुराने नोट हटाने और 786 नंबर के नोटों को अलग करने के लिए दिया। जो मैं मीरा रोड में अपने घर लेकर गई।18 फरवरी की पूरी कथा मीना जॉर्ज ने NIA को बताई कि कैसे सचिन वाजे मुंबई के पुलिस कमिश्नर के दफ्तर का इस्तेमाल अपने वसूली के धंधे के लिए कर रहा था।