नई दिल्ली: दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को 4 महीने से ज्यादा का समय हो गया है। अब किसानों ने अपने आंदोलन को नई धार देने के लिए नई योजना बनाई है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि आंदोलनकारी किसान मई में संसद तक पैदल मार्च करेंगे, तारीख पर जल्द ही फैसला किया जाएगा। इसके अलावा आंदोलनकारी किसान 10 अप्रैल को 24 घंटे के लिए केएमपी एक्सप्रेसवे को अवरुद्ध करेंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा, 'किसानों और मजदूरों के अलावा यहां महिलाएं, दलित-आदिवासी-बहुजन, बेरोजगार युवा और समाज का हर वर्ग इस मार्च का हिस्सा होगा। यह कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगा। लोग अपने वाहनों में अपने गांव से दिल्ली की सीमाओं तक आएंगे। इसके बाद दिल्ली की सीमाओं से पैदल मार्च किया जाएगा। आने वाले दिनों में तारीख की घोषणा की जाएगी।'
किसान नेताओं ने संसद मार्च में पुलिस कार्रवाई होने पर प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए एक समिति बनाने संबंधी अपनी योजना भी साझा की। उन्होंने कहा, 'प्रदर्शनकारियों को स्पष्ट कर दिया जाएगा कि एसकेएम सभी प्रकार की हिंसा की निंदा करता है। इसलिए प्रदर्शनकारियों को पता होना चाहिए कि अगर उनके द्वारा संपत्ति को कोई नुकसान हुआ है, तो उन्हें जुर्माना देना होगा।'
आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई है, उनके सम्मान में छह मई को एक कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। अंबेडकर जयंती और श्रमिक दिवस मनाने के लिए अलग-अलग कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।